दिल्ली(ईन्यूज़ एमपी)-भारत में निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय ने 30 जून 2017 तक 1078 निजी टीवी चैनल्स को मंजूरी दे दी है। इनमें से 883 सैटेलाइट निजी टीवी चैनल्स ही वैध रूप से प्रसारण की अनुमति है। चैनल्स की इस भीड़ में समाचार और समसामयिक विषयों पर आधारित चैनलों की संख्या 388 है ंं। जबकि शेष 495 चैनल्स वो है ंं जो मनोरंजन, संगीत, फिल्म, गाने, बाजार, खेल, धार्मिक तथा अन्य विषयों से संबंधित है ंं। इनमें से 89 ऐसे निजी चैनल्स हैं जिन्हें भारत में अपने सिग्नल देने (डाउनलिंक) की मंजूरी मिली है जबकि 18 चैनल्स केवल अपने सिग्नल केवल भारत से बाहर (अपलिंक) भेज सकते हैं। उन्हें देश में दिखा नहीं सकते। अब बचे 776 निजी टीवी चैनल्स जिन्हें भारत में अपलिंक और डाउनलिंक की अनुमति मिली हुई है। अब सवाल यह उठता है कि हर विषयों पर भरपूर टीवी चैनल होने के बावजूद स्तरीय सामग्री दर्शकों को क्यों नहीं परोसी जा रही है? क्या इन चैनलों का उद्देश्य केवल धन कमाना है? दूरदर्शन के चैनल्स, लोकसभा और राज्यसभा टीवी चैनल इन निजी चैनल्स में शामिल नहीं है |