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सीधी : चेहरे चर्चित चार - नेता अफसर , विधिक पत्रकार ....

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष होगी, जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी
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चेहरे चर्चित चार
नेता अफसर, विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी,, समाज सेवी, व्यापारी और वैद्य, रचनाकार।
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✍️ रीती रजनीश पाठक✍️
सांसद सीधी
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हम इतिहास के पन्ने पलटते हुए आपको लिए चलते है सन 2008 में,
विधानसभा चुनाव का वर्ष स्वाभाविक है उस समय पुराने नेताओ के पुराने कुर्ते फिर नई आश में चमकने लगते है, और उसी समय नेताओ का नवांकुर भी होता है तो क्रातिकारियों की तरह परिपक्व एंट्री राजनीतिक अखाड़े में लेते है, जो बड़े नेताओं के जमे जमाये समीकरण को तितर बितर कर देते है। वैसी ही एक एंट्री 2008 में श्री रजनीश पाठक की हुई, पीत रंगदारी ध्वज गोंडवाना पार्टी जिसे वैभवशाली ग्लैमर की जरूरत थी और श्री पाठक को एक जनाधार वाली पार्टी की... दोनों का जोड़ बैठा और सीधी में सभी रैलियों का पुराना रिकॉर्ड टूट गया। खैर चुनाव परिणाम गोंडवाना और रजनीश के लिए भले चाहे कभी न याद करने वाले इतिहास की तरह हो पर! सीधी की राजनीतिक धारा ने वहां से बड़ा मोड़ ले लिया । सीधी की राजनीति ने वहां से युवाओं को तलासना शुरू कर दिया । किस्मत तो अपनी रजनीस पाठक टटोल रहे थे, और शायद उसमें बहुत दूरी भी न देखेते रहें हो, पर विधि ने तो कुछ और लिखा था फिर आया जिला पंचायत चुनाव, संयोग से महिला सीट मिली पाठक जी को राजनीतिक मैदान में संघर्ष के लिए, उन्होंने अपनी श्रीमती जी को मैदान में उतार दिया।
इसे महज भले इत्तफाक कहें पर सीधी के हर वार्ड पर चुनाव हो रहे थे,पर राजनीतिक पंडित श्रीमती पाठक को लीडर के रूप में उसी समय पहचान कर संभावना जता रहे थे। संयोग सही रहा श्री मती पाठक सदस्य निर्वाचित हुईं।
जब अध्यक्षी का दौर आया तो स्थापित पार्टी के नेताओ के अपने अपने प्रत्यासी थे, जिले की कांग्रेस भी उस समय एक अदृश्य ही जंग लड़ रही थी, हालांकि यही जंग काँग्रेस के लिए अभिशाप बनी, और श्रीमती पाठक को वरदान साबित हुआ,जिलापंचायत अध्यक्ष के रूप में सीधी को लंबे दिन बाद एक युवा नेतृत्व मिल चुका था।
और सीधी के इसी मिजाज को शायद भाजपा भी समझ चुकी थी, और भाजपा ने उन्हें लोकसभा का टिकिट दे दिया, तब से लगातार श्रीमती पाठक दूसरी बार सांसद है।
सांसद रहते हुए उन्होंने सीधी की रेलवे लाइन को शुरू करने का सतत प्रयास किया, जिस पर आज भी वो सरकार का ध्यान खिंचती रहती हैं, सीधी के राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुधार होने की अपनी बात सदन में कहती हैं, संसदीय क्षेत्र के हर कार्यर्ताओं के घर पहुचाने की कोशिश करती है, हर घटना दुर्घटना में अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज करातीं है, एक महिला होकर उन्होंने जो अपनी जन जन तक पहुच बनाई है वो किसी से छिपा नही...
अंत मे ये कहूंगा, कि एक बड़ी प्रचलित कहावत है कि
हर सफल व्यक्ति के पीछे एक आदर्श महिला का हांथ होता है , उसे रजनीश रीती पाठक जी ने उल्टा कर दिया।

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✍️रवींद्र चौधरी जिला कलेक्टर ✍️
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बर्तमान में जिले के कलेक्टर बहुत सरल सौम्य स्वभाव के श्री रवीन्द्र कुमार चौधरी जी, आम मुलाकात के समय सभी से सम भाव से मिलते हैं, तथा गंभीरता से उनकी बात सुनते है।
नियम और कायदे के बड़े पक्के भी, तभी तो उनका डर, और प्रशंसा दोनों सतहों स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों से भी सुना जा सकता है।
चुकी सीधी में जो बाहर का आता है वो जरूर कहता है कि जिले की तासीर अपने नाम के विपरीत है।
श्री चौधरी भी जब सीधी में कलेक्टर बनकर जब आये तो उस समय राजनीतिक केंद्र ही कलेक्टर की कुर्सी थी। बड़ा मुश्किल था कि आलोचना न हो, क्यूकी उस समर में कई पत्रकार, साहित्यकार, कलाकार और राजनीतिक व्यंगकार भी शामिल थे। श्री चौधरी ने बड़ी शालीनता से उस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपना काम शुरू किया, और लोंगो को मंत्रमुग्ध कर उनके अनुभवों, और अनुमानों पर पश्चाताप के लिए विवश कर दिया।
श्री चौधरी सीधी के हर टेढी गली को 2 दशक पहले ही नाप चुके थे जब जिले में दो मंत्री होते थे 2003 में गोपद बनास तहसील में एसडीएम रहते हुए, यहां की जन मिजाज को समझते थे।
बर्तमान में इस महामारी में कई बार प्रभावित होने पर भी, अपनी जिम्मेवारियों को बहुत सतर्कता से निभा रहे है, जब कई अन्य जगह ऑक्सीजन की कमी सुनने को मिलती है, तब सुबह पता चलता है कि आज रात भर कलेक्टर साहेब ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए जागते रहे, और व्यवस्था को डगमगाने नही दिया, तभी तो सूबे के मुख्यंमंत्री ने भी सीधी के कलेक्टर की तारीफ की।
प्रशाशक ऐसा ही होना चाहिए जिसे अपने कर्तव्य का बोध हो, आमजन के लिए वो इसी तरह सहज हो।


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✍️अधिवक्ता बृजेंद्र नाथ सिंह✍️
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सीधी जिले की न्यायपालिका यानी विधिक क्षेत्र की बात की जाये तो इस समय जिला अधिवक्ता संघ में एक बड़ा जाना पहचाना नाम है जिन्होंने विगत दो दशक से न्यायिक क्षेत्र में आवाम वने हुये हैं । लोगों को न्याय दिलाने का लंबा योगदान दिया है जो सतत रूप से जारी है श्री सिंह अभी हाल ही में अधिवक्ता संघ के हुए चुनाव में लगातार दूसरी बार संघ के अध्यक्ष चुने गए जबकि यह चुनाव काफी रोचक था और काफी चर्चित था इस चुनाव पर तमाम राजनीतिक लोगों की भी गाहे-बगाहे निगाह लगी हुई थी उम्मीद भी जानकार लोग किसी अन्य तरह के परिणाम की कर रहे थे लेकिन श्री सिंह के भाग्य ने सबको मिथ्या साबित कर दिया और लंबे मतांतर से विजय हासिल की ।

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✍️वरिष्ठ पत्रकार नंदलाल सिंह✍️
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जिले भर के पत्रकारों की भीड़ में अपनी एक अलग स्टाइल बालो और दाढ़ी पर लाल कलर किये हुए चश्मा सर के बालों में फंसाये मुस्कुराता चेहरा और शारीरिक भाषा मे हर समय इतनी फुर्ती जो अपनी अधेड़ उम्र को भी जुठला रही हो वह हैं एक अनोखा नाम अपना नंदू ....
बास्तव में जब आप राष्ट्रीय साहित्यकारो को देखेंगे तो उनकी पोशाक और मस्तमौला फक्कड़ स्टाइल बताता है कि वो अपने विषय बस्तु के दर्शन पर कितना खोए रहते है, ठीक वही अक्स आपको दिखेगा श्री नंदलाल जी पर , पत्रकार का सबसे बड़ा व्यंजन राजनीतिक अनुमान, जिसमे बड़े निशानेबाज पत्रकार हैं । तभी तो जिले के सभी बड़े नेताओं को सीधी के नव स्वदेश के राजनीतिक समाचार का इतंजार रहता है।
श्री सिंह का जन्म चुरहट विधानसभा क्षेत्र के आमडांड़ में हुआ तथा शिक्षा दीक्षा संस्कार धानी जबलपुर में हुई, संस्कार धानी में रहते हुए इन्होंने पत्रकारिता का श्री गणेण किया, और आज गृह जिले में कार्य करते हुए एक सफल और अग्रणी पत्रकारों की श्रेणी में सुमार हैं ।

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