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सीधी : चेहरे चर्चित चार -नेता अफसर विधिक पत्रकार ...

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष है , जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश है कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिखा जाये , और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी

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📱 चेहरे चर्चित चार 📱
नेता अफसर- विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।


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👉 केदारनाथ शुक्ल शुक्ल✍️
प्रदेश के दिग्गज विधायक
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शुक्ला जी की राजनीतिक शुरुआत उस समय हो रही थी, जब सीधी में जन्मे एक बड़े राष्ट्रनेता का जादू के आगोश में पूरा मध्यप्रदेश था, लेकिन उस समय भी भाजपा की युवा राजनीति में महाभारत के वीर अभिमन्यु की तरह सीधी में ये युवा नेता की राजनीति अंगड़ाई ले रही थी, उस समय के लोग बताते है कि जिस दिन कलेक्ट्रेट में या किसी धरना आंदोलन में केदार शुक्ला जी की उपस्थिति होती थी तो स्कूल और कॉलेज के छात्र भी घड़ी देख कर अंदाज में रहते थे कि अब श्री शुक्ला जी का भाषण होगा, उस समय छात्र संस्थानो में छुट्टी जैसा माहौल कर देते थे , उनके भाषण में वो विस्फोटक ऊर्जा होती थी, जो किसी को मंत्रमुग्ध करके आंदोलित कर देती थी।
श्री शुक्ल जी का पहला चुनाव क्ष्रेत्र गोपद बनास होता था, जहां से उन्होंने जय पराजय दोनों का स्वाद चखा था, 2003 में उन्होंने सीधी सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा तब भी बहुत कम अंतर से जिले के एक बहुत प्रभावशाली महारथी नेता से पीछे रह गए, लेकिन वह भी कम बात नहीं थी। वर्ष 2008 से सीधी विधानसभा क्षेत्र में काफी तोड़ जोड़ करके नया क्षेत्र बना दिया गया, जिसमे गोपद बनास का उनका पुराना जाना पहचाना कुछ क्षेत्र सीधी में आगया, तब से श्री शुक्ला का रथ अजेय होकर निर्बाध गति से इतिहास गढ़े जा रहा है।
श्री शुक्ल जी की आध्यात्मिक रुचि और पर विश्वास भी बहुत है। एक बार 2013 मे विधानसभा चुनाव के पहले एक आध्यात्मिक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि गायत्री मंत्र का तिकाल जप करने वाला जहां भी जाएगा, भले अकेला जाएगा, पर सिंह के समान जाएगा। श्री शुक्ल स्वयं गायत्री के बड़े उपासक हैं । उसका उदाहरण तुरंत 2013 के चुनाव में देखने को मिला, कि सारे राजनीतिक पंडित, अनुभवी जब सीधी से कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत सत प्रतिशत मान रहे थे, चुनाव परिणाम भी लगभग वैसे ही प्रकट हो रहे थे, तब शुक्ल जी गड़ना स्थल पर थे भी नहीं, लेकिन अचानक किस्मत ने पलटा खाया और अंतिम कुछ चक्रों में ही श्री शुक्ला का विजय रथ सबको पछाड़ कर आगे निकल चुका था, उस समय जितने जीते हुए प्रत्यासी प्रमाण पत्र लेने पहुचे थे, उन सबसे अलग दमदार छवि श्री शुक्ला की दिख रही थी।
अगले चुनाव में श्री शुक्ल ने उस गिनती को दस गुना बढ़ा कर चुनाव जीत लिया।

यहां पर लेख में मैंने शुरू में श्री शुक्ल को वीर अभिमन्यु की तरह कहा, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नही है, क्योंकि श्री शुक्ला तमाम विशेषताओं से भरे हुए, विधि के जानकार, राजनीति में गहरी पैठ, जोड़ तोड़ की और जमीनी स्तर के साथ साथ, लंबा अनुभव होते हुए, अभी तक सिर्फ विधायक बन कर रह गए।
लेकिन यहां उनके अपने ही सेना में कुछ कौरब दल के योद्धा थे, जिनको उनकी ठोस सत्यता कह देने की आदत रास नही आई।जिसमे कहा जाता है कि पिछले चुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज की सभा मे ही उन्होंने खराब सड़कों को लेकर असंतुष्टता जताई थी, तभी लोग ये समझ गए थे थे कि श्री शुक्ल ने जनहित में अपना अंगूठा दान दे दिया।तभी तो कई बार संभावित मंत्रिमंडल में नाम रहते हुए भी गुम हो जाता है।
खैर सीधी के राजनीति में अब तक सबसे आक्रामक नेताओ में उन्ही का नाम आता है।


तीन दशक पहले सामंतशाह को कुचलकर सीधी जिले में यह काम आज से लगभग 35 वर्ष पूर्व सीधी विधायक पंण्डित केदारनाथ शुक्ला ने शंखनाद किया था, वह चाहे आजाद नगर हो या गोरियरा हो या फिर कोई अन्य गांव, ऐसे लगभग दर्जनों गांव हैं जहां विधायक श्री शुक्ला द्वारा गरीबों को आवास बनाने के लिए भूमि आवटिंत की गई थी। गरीब तबके के साथ कोई अन्याय न हो, हर व्यक्ति के साथ समाज में बराबरी का न्याय हो इसके लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे हैं ।

यही कारण है कि गरीब आज विधायक श्री शुक्ल के दिल में राज करते हैं , गरीब उनकी सबसे बडी पूंजी है। छात्र राजनीति के दौरान उन्हांने कई ऐतिहासिक कार्य किए जिनकी चर्चा आज भी होती है। जनता व कार्यकर्ताओं के हित के लिए जहां वे चट्टान की तरह डट जाते हैं वहीं विरोधियों को दिल में जगह नहीं
देते, इसलिए उन्हें स्पष्टवक्ता भी कहा जाता है। आठ बार लगातार चुनाव लडने वाले विधायक के अनुभव व तर्जुबे के लोग प्रसशंक है।
पंण्डित केदारनाथ शुक्ला को राजनीति जगत का चाणक्य भी कहा जाता है, कारण यह की उनके पास ज्ञान का अथाह भण्डार है। महान पुरूषों के जीवन से लेकर आध्यात्म, इतिहास व अन्य क्षेत्रां में अपनी जबरदस्त पकड रखने वाले विधायक श्री शुक्ल स्पष्ट और दृढ शब्दों से संवाद करने की क्षमता रखते है। उनके विचारो को व्यक्त करने और भाषण की जबरदस्त शैली श्रोताओं में अच्छा प्रभाव डालती है। एक कुशल
अधिवक्ता रह चुके पंण्डित केदारनाथ
शुक्ला के पास कानूनी व संसदीय ज्ञान में अच्छी पकड हैं, इसलिए उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा में एक वरिष्ठ और कद्दावर विधायक की पदवी भी दी जाती है। चौथी बार के विधायक पण्डित केदारनाथ शुक्ला जनता के बीच अपनी जबरदस्त पकड रखते हैं।
अनुभवी विधायक होने के साथ-साथ पंण्डित केदारनाथ शुक्ला एक कुशल संगठक भी रह चुके हैं, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष के पद का भी उन्हांने बखूबी निर्वहन किया है, भाजपा के पितु पुरूष कुषाभाउ ठाकरे उनकी कार्यशैली से बेहद खुश रहते थे। जिलाध्यक्ष रहते हुए उन्हांने सीधी एवं सिंगरौली में भाजपा कार्यकर्ताओं की फौज तैयार की थी। कालेज राजनीति व युवा मोर्चा अध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन कर चुके श्री शुक्ल जहां भी जाते वहां युवाओं का हुजूम उमड पडता था। प्रमुख बात यह कि भाजपा को मजबूतकरने वे सैकडो मील पैदल चलकर सदस्यता अभियान भी चलाया थ।
सीधी विधायक पंण्डित केदारनाथ शुक्ल में वह सभी गुण विद्वमान है जो एक सफल राजनेता में होना चाहिए, जिसमें सच्चाई, समसामयिक, पारदर्शी,दूरदर्शी और एक सूखद व्यक्तित्व, उनके पास एक मिशन, एक दर्शन, बलिदान, करूणा और प्रतिबद्वता की भावना है। यह बात सब जानते है कि जिले के कई ऐसे लोग जो राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने उतरे और उनके अखाडे में राजनैतिक दांव पेंच न सीखा हो। बाद में भले ही ऐसे लोग अतिमहात्वाकांक्षा के कारण अपने आप को स्वयंभू कहने लगे। पर यह बात किसी से नहीं छिपी है कि वे सब निकले है आखिर उसी मांद से। भले ही कई नेता ऐसे हो जो स्वयं चुनाव जीतने का दम रखते है लेकिन सीधी विधायक पंण्डित केदारनाथ शुक्ल में वहअद्भुत क्षमता है कि स्वयं के अलावा भी दूसरे को भी चुनाव जिताने में माहिर है। आठ साल लगातार चुनाव लड चुके विधायक श्री शुक्ल में चुनावी अंक गणित में भी महारत हासिल है । समय व संयोग की बात है कि वर्तमान राजनीतिक हालातों में भले वह अनफिट हों लेकिन वह किसी से कम नही ...जंहा हैं अच्छे हैं और अच्छे रहेंगें ।

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👉 पंकज कुमावतत IPS✍️
एसपी सीधी
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राजस्थान के जयपुर से 70 किमी दूर एक गांव किशनगढ़-रेनवाल के रहने वाले 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी पंकज कुमावत देशभर में 371वीं रेंक प्राप्त की है। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे पंकज ने हैदराबाद आईआईटी कॉलेज में वर्ष 2011 में बीटेक में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने कंप्यूटर साइंस से बीटेक की थी। आईपीएस अधिकारी पंकज कुमावत मुख्य रूप से साफ्टवेयर इंजीनियर होने के साथ ही साइबर में एक्सपर्ट है। वर्ष 2013 के डायरेक्ट आईपीएस पंकज कुमावत का बतौर एसपी यह दूसरा जिला है। इससे पहले वे प्रोवेशनर के रूप में सागर, इसके बाद जबलपुर में सीएसपी, महु और इंदौर में एएसपी और 17 वी बटालियन भिंड में कमाण्डेंट पदस्थ रह चुके हैं।वर्ष 2019 में उन्हें अशोकनगर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था। जहां अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बेहतरीन कार्य किए थे।आईपीएस बनने से पहले हैदराबाद से ट्रिपल आईआईटी पास कर पेशे से कम्प्यूटर इंजीनियर पंकज कुमावत पुलिस महकमे में भी हाईटेक तरीके अपनाने के लिए मास्टर माने जाते है।

बर्तमान सीधी के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने जब से सीधी जिले की कमान संभाला है तब से विभाग में एक अलग प्रकार की मुस्तैदी दिखाई दे रही है, जिले में बहुत तेजी से सर उठा रहे मादक पदार्थो के धंधेबाजो के फन कुचले है, जिले में मेडिकल नशा का काफी कारोबार फल फूल रहा है जिसमे काफी युवा, और घर बर्बाद हो रहे है, जिसको एक विशेष चुनौती मानते हुए श्री कुमावत ने एक अभियान चलाया था और उसमें उन्हे कामयाबी भी हांसिल हुई थी , कोविड के चलते उनके इस अभियान में भले ही विराम लगा हो लेकिन आने वाला वक्त उनके इस मिशन को कामयाबी दिलायेगा ।श्री कुमावत में विशेषता है कि वो विभाग के छोटे कर्मचारी की बात भी बड़े सहज भाव से सुनते है, यही उनके सही सूचना संचार का अच्छा जाल है, इस ताकत को उनका विभाग अच्छी तरह से समझता भी है। वही दूसरी तरफ आमजनमानस में भी गरीब और अमीर सबकी बात को सुनकर उनके समक्ष ही सही निदान करने की कोशिश करते है। जनता की उम्मीदों में कितना खरे उतरते हैं यह तो जनमानस तंय करेगा। लेकिन आज वह जमाना वह समय नही है जैसा कि मीणा जैसे पुलिस कप्तान ने सीधी में वतौर एसपी खाखी का जलवा विखेरा है ।


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👉चन्द्रमोहन गुप्ता✍️
एडवोकेट
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सीधी जिले की न्यायपालिका के क्षेत्र में भैय्या के नाम से विख्यात वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रमोहन गुप्ता का नाम भला कौन नही जानता , मिलनसार जनप्रिय चन्द्रमोहन भैया की प्राथमिक शिक्षा दीक्षा सीधी में ही हुई 1962 में हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत वह वकालत की पढ़ाई के लिए क्रिश्चियन कॉलेज इलाहाबाद चले गये जंहा से वकालत की पढ़ाई पूरी करने के वाद वह अपने पिता की इकलौती संतान होने के नाते सीधी को अपनी कर्मस्थली चुना । जंहा पर आज उनके नाम और ज्ञान का डंका बजता है विधिक क्षेत्र में महारत हांसिल करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता चन्द्रमोहन गुप्ता 1971 में जिला अधिवक्ता संघ के
कोषाध्यक्ष एवं 1976 में जिला
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए , 1980 में आप जिला अधिवक्ता संघ के निर्विरोध अध्यक्ष भी चुने गये एक वार फिर पुनः 1996 में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्षी का दायित्व निर्वहन किया है ।

सीधी शहर में कोई भी सर्वाजनिक कार्यक्रम हो उस कार्यक्रम में चंद्रमोहन गुप्ता जी की उपस्थिति और विशेष होने का दर्जा प्रदान कर देती है ,श्री गुप्ता पेशे से वकील तो है, जिनमे उनको बड़ा लंबा अनुभव है, लेकिन व्यक्तिगत जीवन मे एक निर्मल संत की तरह है, तभी तो जिले के हर खास के लिए विशेष है। सीधी जिले में अपनी एक अलग अलख जगाने वाले चन्द्रमोहन गुप्ता को अगर कंहूं कि वह सर्वदलीय हैं तो अतिशयोक्ति नही होगा , किंतु चुरहट राज घराने से उनका गहरा नाता रहा है जिसे वह आज भी बाखूबी निर्वहन कर रहे हैं ।



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👉 विजय सिंह ✍️
वरिष्ठ पत्रकार
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पत्रकारिता समाज में उर्जा भरने का एक आक्रामक साधन है एक अच्छे पत्रकार में मनोवैज्ञानिक, वकील, कुशल लेखक, वक्ता और गुप्तचर के गुणों का समावेश होना चाहिए। तभी वह एक घटना में समाचार का बोध कर उसे जनता के समक्ष ला पाता है। इसके अतिरिक्त उसे दूरदर्शी भी होना चाहिए, तभी वह यह समझ पाएगा कि किस खबर का लोगों, समाज और देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इन तमाम तथ्यों से परिपूर्ण एक सधा हुआ सीधी का चेहरा है " विजय सिंह " जिनकी लेखनी के हम जैसे पत्रकार मुरीद हैं ।

चुरहट विधानसभा क्षेत्र के वडा़ टीकठ गांव के बघेल परिवार में जन्मे सीधी के वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह आज एक स्वतंत्र राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार हैं जो किसी परिचय के मुहताज नही हैं , 1981- 82 के दशक में रीवा से प्रकाशित दैनिक वांधवीय समाचार पत्र से आपने पत्रकारिता का श्री गणेण करके दैनिक जागरण , दैनिक भास्कर एवं जबलपुर से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक दा हितवाद समाचार पत्र में सक्रिय पत्रकारिता करके विंध्य क्षेत्र में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है ।

वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह सीधी विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ल के नेतृत्व में छात्र राजनीति में भी सक्रिय भूमिका अदा कर चुके हैं , विधायक श्री शुक्ल के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता पत्रकार शोमेश्वर सिंह व विजय सिंह की जोडी़ कमाल की जोड़ी रही है जो आज भी सलामत है , त्रिमूर्ति के किस्से भी अनेक हैं जिसका वर्णन भी अनंत है जिससे उस पीढी के लोग आज भी भलीभांति बाकिफ हैं । वर्तमान पत्रकारिता के दौर में भीड़भाड़ से प्रृथक वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह आज पीटीआई जैसे वड़े संस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुये स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे हैं जिनकी लेखनी की जितनी तारीफ की जाय वह कम है ।

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