enewsmp.com
Home ब्लॉग सीधी :चेहरे चर्चित चार - नेता अफसर विधिक पत्रकार....

सीधी :चेहरे चर्चित चार - नेता अफसर विधिक पत्रकार....

आदरणीय पाठक बंधु
सादर अभिवादन स्वीकार हो।
हम आपके लिए एक ऐसा धारावाहिक लेख प्रस्तुत कर रहे है, जिसमे चार ऐसे लोंगो की जानकारी विशेष होगी, जिन्होंने विभिन्न अलग अलग क्षेत्रो पर बहुत अच्छा कार्य करके लोंगो का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है, जैसा कि आप हेडिंग से उन कार्यक्षेत्रों के बारे में समझ गए होंगे।
मेरी पूरी कोशिश होगी कि उन लोंगो के जीवन के कुछ रोचक, सुखद, और संघर्ष के बारे में जानकारी इकट्ठा करके लिख सकूं, और सहज शब्दो के माध्यम से उस भाव को आपके सामने प्रकट कर सकूं, जिससे आप किसी भी घटना क्रम को पूर्ण रूप से सही समर्थन दे सकें।
आपका
सचीन्द्र मिश्र
सीधी
...................................................

चेहरे चर्चित चार
नेता अफसर - विधिक पत्रकार
जिनकी कहानी कलम लिखेगी " समाजसेवी " व्यापारी और वैद्य रचनाकार ।




👉कुँवर सिंह टेकाम✍️
विधायक धौहनी

कुँवर सिंह टेकाम धौहनी विधानसभा से लगातार तीसरी बार विधायक हैं, सक्रिय राजनीति में आने के पूर्व कुँवर सिंह, एन सी एल में कर्मचारी थे, लेकिन संघ में जुड़ाव कही न कही से हो गया था, तभी तो जब अटल विहारी बाजपेई की केंद्र में सरकार थी तो इनको अचानक फोंन आता है कि आपको अनुसूचित जाति आयोग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा रहा है, उसके बाद फिर इन्होंने पीछे मुड़ कर नही देखा और पांच सालों तक आयोग के चेयरमैन रहे। संवैधानिक पद से हटने के उपरांत इनको पहला टिकिट सीधी लोकसभा उपचुनाव का मिला, जिसमे मुख्यमंत्री ने रिकॉर्ड सभाएं की, वो चुनाव सीधी के इतिहास का सबसे रोचक चुनाव था, सारी परिस्थितियां भाजपा के पक्ष में होने के वाबजूद बहुत कम मतांतर से कांग्रेस चुनाव जीत गई।
फिर जल्द ही 2008 में इनको विधानसभा चुनाव में धौहनी ने फिर मौका दिया जहां से इन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री के वोट बराबर वोट पाकर बहुत बड़े मतांतर से जीत हासिल कर सबको चौका दिया। लेकिन तब से लगातार तीन बार चुनाव तो जीत रहे है किंतु मतों का अंतर हर बार काफी कम होता जा रहा है, अबकी बार तो विजय रथ थोड़ा लड़खड़ाया, पर परिणाम सकारात्मक आ गए।
कुँवर सिंह की एक विशेषता है कि उनके क्षेत्र में पार्टी विचारधारा विरोधी नेता और जन भले हों, पर व्यक्तिगत कुँवर सिंह ने अपने स्वभाव से अपना कोई ऐसा विरोधी नही तैयार होने दिया जो उनके हरसमय विरोध में हो, कुँवर सिंह की निर्विवाद और निर्दाग छवि लोंगो के मन मे है,उनके पास जो भी काम लेकर जाता है, उसका काम जरूर करते है, एक बात जरूर सुनने को मिलती है, की वो हर व्यक्ति की पहचान और खबर रखते है की इस व्यक्ति ने मेरी मदद की है।
कुँवर सिंह की शैक्षणिक, राजनीतिक ज्ञान के अलावा आध्यात्मिक ज्ञान भी काफी है, तभी तो कई बार उनकी वाकपटुता लोगो को आश्चर्य में डालकर निरुत्तर कर देती है। तभी तो राजनीतिक जानकर लोग उनके हर अगली बार पार्टी प्रत्यासी न चयन होने अनुमान में गोते लगाते है, पर अभी कोई उनके समकक्ष हर विधा में बराबरी रखने वाला कोई मजबूत विकल्प नही दिखता। और हां धौहनी विधायक कुंअर सिंह के राजनीतिक सफलता में चारचांद लगाने वाले सीधी टाइगर रिजर्व जोन के आदिवासी हैं जिनको जंगल से विस्थापन करने की प्रक्रिया जोरों से चल रही है । लेकिन नेता जी भी एड़ी चोंटी एक करके उन आदिवासियों को विस्थापित नही होने दे रहे हैं कारण कि जिस दिन वह हजारो आदिवासी तितर बितर हुये मानों कि फिर पत्ता साफ वहरहाल
हम भी उनके अच्छे स्वास्थ्य और सफलताओं के लिए शुभकामना करते हैं ।

..................................................
👉अंजू लता पटले ✍️
एएसपी - सीधी


काफी साल बाद जब सूबे की सरकार बदली तो बड़ी मात्रा में बड़े अधिकारियों की अदलाबदली की प्रशासनिक सर्जरी हुई। उसी समय सीधी आईं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजूलता पटले जो मूल रूप से मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले की हैं। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में की है । गांव से चलकर कड़ी मेहनत करके उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई जिला मुख्यालय बालाघाट से करने के बाद लग गई अपने बचपन मे देखे हुए सपने को पूरा करने में ....और 2008 में उन्हे पुलिस अधिकारी वनने का जज्बा पूरा हुआ । सीधी में शायद वो पहली अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक होगी जो इतनी चर्चित है, कारण कि वह अपने मूल दायित्वों के निर्वहन के प्रति हमेशा से सजग रही हैं , देशभक्ति जनसेवा के मूलमंत्र से ओतप्रोत अंजूलता सीधी जैसी जगह में भी अपना पताखा बुलंद की हुई हैं ।

सूबे की सरकार बदलने के बाद की गई प्रशासनिक सर्जरी के दौरान जिले में खूब कानाफूसी की गई लेकिन वह कानाफूसी में केवल और केवल कप्तान की कुर्सी प्रभावित हुई थी , अपने दायित्वों के प्रति ईमानदारी ही है कि सरकार बदली के बाद भी अंजूलता स्थिर बनी हुई है और जिनका वने रहना भी आवश्यक है ।




......................................
👉 नीरज शर्मा ✍️
समाजसेवी


कमला कॉलेज के संस्थापक नीरज शर्मा ने दो दसक पूर्व शैक्षणिक संस्थान में कार्य करना शुरू किया जब जिला मुख्यालय में दो चार ही प्राइवेट विद्यालय थे, तब जिले का बड़ा प्रतिष्ठित स्कूल था श्री गणेश विद्यालय समय का पहिया चलता गया विद्यालय ने बहुत बड़ा आकार ले लिया, उसके बाद जिले का विशाल प्राइवेट महाविद्यालय भी नीरज शर्मा ने खोल दिया, नीरज शर्मा जिले का बड़ा नाम इसलिये नही हो जाता कि आज वो एक शहर के वैभवशाली लोंगो में है, बल्कि इसलिए कि उनके संस्थान से निकले छात्र देश ही नही विदेशों में भी बड़े पदों पर कार्य कर रहे है।
आमतौर पर अन्य गतिविधियों से अपने को बचाकर रखने वाले नीरज शर्मा, पिछला नगरपालिका का चुनाव न जाने किस सलाहकार के कहने पर लड़ बैठे, राजनीति को समझने वाले लोग कहते है कि, लोग आपको समर्थन में पैसा दे सकते है, पर्चा दे सकते है, गाड़ी दे सकते है, पर वही लोग जरूरी नहीं कि आपको वोट दे सकते है, शायद यही पाठ नीरज शर्मा ने जीवन मे नही पढ़ा था जो अच्छे से पढ़ लिया।
इनकी एक खासियत रही है कि कभी अपनी ब्रांडिंग करते नहीं दिखाई देते, इसीलिए इनके नाम को तो जिला जानता है पर चेहरा कम लोग ही पहचानते है। इनका संस्थान आज के दौर में भी अग्रणी है, जो एक अच्छी उपलब्धि है किन्तु आज उन पर जो कुछ विसंगतियां सर पर विराजमान हो गई हैं उनसे उवरने की आवश्यकता है , अन्यथा यह सीधी है विकास के पहिये रुक जायेंगें ।



..................................................
👉 शोमेश्वर सिंह ✍️
वरिष्ठ पत्रकार


आज हम एक ऐसे कलमकार का दर्शन करा रहे हैं जो वर्तमान पत्रकारिता की भीड़ से पृथक हैं किंतु एक अच्छे पत्रकार एक अच्छे अधिवक्ता और एक अच्छे राजनैतिक विचारक भी हैं वह हैं " शोमेश्वर सिंह " जिनकी जादुई कलम के हम सब आज भी मुरीद हैं । चुरहट स्थित एक सामान्य परिवार से तालुकात रखने वाले कलम के पुजारी " शोम जी " आज भी अपने चितपरिचित अंदाजों में सादगी जीवन शैली के साथ अपने धुन में मस्त रहते हैं ।

वरिष्ठ पत्रकार एडवोकेट शोमेश्वर सिंह को लिखने का शौक छात्र राजनीति से ही रहा है , छात्र राजनीति के दौरान सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल , वरिष्ठ पत्रकार विजय सिंह और शोमेश्वर सिंह जैसे त्रिमूर्ति के किस्से भी अनंत हैं , सीधी में पत्रकारिता का जुनून भी त्रिमूर्ति पर छात्रजीवन से ही रहा है वर्ष 1980 के दशक में सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल ने सक्रिय राजनीति में आने के वाद पत्रकारिता का प्रभार शोमेश्वर सिंह को सौंप दिया तव से वह दैनिक जागरण , दैनिक नवभारत और टूडे न्यूज जैसे प्रमुख समाचार पत्रों में दो दशक तक सक्रिय पत्रकारिता की है ।
वरिष्ठ पत्रकार व अधिवक्ता शोमेश्वर सिंह चूंकि LLB थे कानून का ज्ञाता होने के नाते उन्हें जिला न्यायालय सीधी में एजीपी पद से भी नवाजा जा चुका है , तव से वह सक्रिय वकालत कर रहे हैं किंतु उनकी कलम रुकी नही आज भी उनकी लेखनी उनके विचार अमिट हैं ,नित नये समसमायिक विषयों पर "सुना फलाने " नामक शीर्षक शोषल मीडिया में विख्यात है । आपके द्वारा सुना फलाने नामक शीर्षक में संग्रह किये गये समसमायिक तथ्यों की पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है जिसका विमोचन शेष है । अपने अंदाजो में मस्त रहने वाले कलम के पुजारी कम्युनिस्ट विचारधारा से ओतप्रोत शोमेश्वर सिंह की लेखनी की जितनी तारीफ की जाये वह कम होगी । लेकिन इधर बीते एक दशक से जिस बिषम परिस्थितियों का उन्हें सामना करना पड़ा भगवान न करे किसी और को करना पड़े ।

Share:

Leave a Comment