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GST काउंसिल की बैठक आज,पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने पर विचार संभव......

दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-अगले साल देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि उससे पहले केंद्र सरकार कई बड़े फैसले कर सकती है। ऐसे में आज लखनऊ स्थित में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक पर नजरें टिकी हुई हैं। कोरोना महामारी के बाद GST काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक होगी।

GST काउंसिल की बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा की जा सकती है। बैठक में 11 कोविड दवाओं पर टैक्स छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का भी फैसला हो सकता है। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है। पेट्रोल-डीजल के GST के दायरे में आने पर पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाएगा। अभी देश में कई जगहों पर पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है।


एक देश-एक दाम पर हो सकता है मंथन
सरकार ने 'एक देश -एक दाम' के तहत पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को GST के दायरे में लाने पर विचार शुरू किया है। आज होने वाली GST काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है। यह संभावना भी जताई जा रही है कि शुरुआत में एक या इससे ज्यादा पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है।


फूड डिलीवरी ऐप्स पर 5% GST लगाने का प्रस्ताव
GST काउंसिल की बैठक में जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी ऐप्स को रेस्टोरेंट की तरह मानने और उनके द्वारा की गई डिलीवरी पर 5% GST लगाने का फैसला भी लिया जा सकता है। ऐसा हुआ तो रेस्टोरेट की बजाय फूड डिलीवरी ऐप्स को GST सरकार के पास जमा करवाना होगा, इससे ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

इन मुद्दों पर भी चर्चा के आसार

*कोरोना के इलाज से जुड़े उपकरणों और दवाइयों पर टैक्स में रियायत दी जा सकती है।
*राज्यों के राजस्व नुकसान पर बात हो सकती है।
*सिक्किम में फार्मा और बिजली पर स्पेशल सेस की मंजूरी देने के लिए मंत्रियों के
समूह (GoM) की रिपोर्ट पर विचार किया जा सकता है।

2017 में लागू हुई थी GST व्यवस्था
देश में GST एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। इसके तहत केंद्र और राज्यों के अलग-अलग टैक्स को खत्म कर एक टैक्स GST लागू किया किया गया था। हालांकि, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन, नेचुरल गैस और कच्चे तेल को GST के दायरे से बाहर रखा गया था।

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