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पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सरकार और निर्वाचन आयोग को फटकार......

दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-एमपी में पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रक्रिया सहित अन्य प्रक्रिया का पालन न करने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाई। कोर्ट ने दो टूक कहा कि राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण मामले में आग से मत खेले। याचिकाकर्ताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव संविधान के हिसाब से हो तो ही कराइए। मध्यप्रदेश में आरक्षण रोटेशन का पालन नहीं किया गया यह संविधान की धारा 243 C और D का साफ उल्लंघन है। अभी सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश आना शेष है। मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि कोर्ट का आदेश मिलने के बाद चुनाव रोकने पर निर्णय लिया जाएगा।

इधर, कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग दोराहे पर है क्योंकि 18 दिसंबर को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण किए जाने हैं। यह प्रक्रिया पहले से तय थी और इसे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कराने वाला है। पहले यह प्रक्रिया 14 दिसंबर को होनी थी, मामला कोर्ट में होने से इसे पांच दिन बढ़ाकर 18 दिसंबर तय किया है। इसी बीच कोर्ट ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा है कि चुनाव संविधान के हिसाब से ही हो अन्यथा रद्द करें। इसकी पुष्टि पिटिशनर सैयद जाफर ने वीडियो जारी करके की है।

राज्य निर्वाचन आयोग असमंजस में इसलिए भी है क्योंकि पंचायत चुनाव को लेकर 2014 के आरक्षण के हिसाब से जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, सरपंच और पंच के नामांकन भरवाए जा रहे हैं। चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रक्रिया और चुनाव इसके संपन्न होने के बाद होगी इसलिए अब मामला खटाई में पड़ता दिख रहा है।

भोपाल के मनमोहन नायर और गाडरवाड़ा के संदीप पटेल सहित पांच अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने पक्ष रखा। दोपहर दो बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई। लगभग आधे घंटे चले इस सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को फटकार लगाती रही। महाराष्ट्र चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि ओबीसी मामले में आग से मत खेलो आबीसी सीटो के आरक्षण पर रोक लगाते हुए इस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

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