enewsmp.com
Home देश-दुनिया ब्रिटेन का अगला PM कौन,भारतवंशी ऋषि सुनक रेस में आगे.....

ब्रिटेन का अगला PM कौन,भारतवंशी ऋषि सुनक रेस में आगे.....

नई दिल्ली (ईन्यूज एमपी )- ब्रिटेन के पॉलिटिकल पंडित कई दिनों से जो बात कह रहे थे, वही हुआ। महज 24 घंटे पहले तक लिज ट्रस प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर रहीं थीं। आखिरकार पार्टी के दबाव में उन्हें झुकना पड़ा। लिज ने इस्तीफा दे दिया, हालांकि पार्टी का अगला नेता चुने जाने तक वो पद पर बनीं रहेंगी।
अब सवाल यह उठता है कि लिज के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के संसदीय दल का नया नेता कौन बनेगा? मीडिया रिपोर्ट्स में तो भारतीय मूल के ऋषि सुनक को ही इस पद का सबसे बड़ा और सबसे काबिल दावेदार बताया जा रहा है। बुधवार को कई नेताओं ने सुनक के अगस्त में दिए बयान की याद दिलाई। तब ऋषि ने कहा था- लिज टैक्स कटौती का चुनावी वादा कर रही हैं, यह इकोनॉमी को तबाह कर देगा। ऋषि वाणी सच साबित हुई।

ब्रिटेन का अगला PM कौन:भारतवंशी ऋषि सुनक रेस में आगे, लिज के वादों पर पहले ही कह दिया था- इकोनॉमी तबाह हो जाएगी

14 घंटे पहलेलेखक: त्रिदेव शर्मा
ब्रिटेन के पॉलिटिकल पंडित कई दिनों से जो बात कह रहे थे, वही हुआ। महज 24 घंटे पहले तक लिज ट्रस प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर रहीं थीं। आखिरकार पार्टी के दबाव में उन्हें झुकना पड़ा। लिज ने इस्तीफा दे दिया, हालांकि पार्टी का अगला नेता चुने जाने तक वो पद पर बनीं रहेंगी।


अब सवाल यह उठता है कि लिज के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के संसदीय दल का नया नेता कौन बनेगा? मीडिया रिपोर्ट्स में तो भारतीय मूल के ऋषि सुनक को ही इस पद का सबसे बड़ा और सबसे काबिल दावेदार बताया जा रहा है। बुधवार को कई नेताओं ने सुनक के अगस्त में दिए बयान की याद दिलाई। तब ऋषि ने कहा था- लिज टैक्स कटौती का चुनावी वादा कर रही हैं, यह इकोनॉमी को तबाह कर देगा। ऋषि वाणी सच साबित हुई।


ऋषि सुनक दावा मजबूत, लेकिन चुप क्यों

पूर्व वित्त मंत्री क्वासी वारटेंग और जेरेमी हंट दोनों ही नए पार्टी लीडर की रेस से खुद को बाहर बता चुके हैं। अब सबसे तगड़ा दावा भारतीय मूल के ऋषि सुनक का माना जा सकता है। बुधवार को ही ‘द गार्डियन’ ने एक रिपोर्ट में कहा था- ब्रिटेन के लोगों और कंजर्वेटिव पार्टी के कई सांसदों की सोच यह है कि सितंबर में सुनक को ही प्रधानमंत्री बनाया जाना था। लिज को गलत चुना गया।
अब सवाल यह है कि क्या ऋषि सुनक दोबारा इस रेस में शामिल होंगे? इसकी बड़ी वजह यह है कि पार्टी और देश की सियासत में 15 दिन से उथलपुथल मची थी और ऋषि शांत थे। पूर्व मंत्री मॉरडेन्ट भी रेस में शामिल हो सकती हैं। वैसे भी लिज के चुने जाने के पहले सांसदों ने जो वोटिंग की थी, उसमें सबसे ज्यादा वोट सुनक को ही मिले थे।
लेकिन, जब दो कैंडिडेट यानी लिज और सुनक बचे तो फैसला कंजर्वेटिव पार्टी के मेंबर्स ने किया। इसमें लिज ने बाजी मार ली। सुनक पहले ही आगाह कर रहे थे कि लिज जो चुनावी वादे कर रहीं है, वो ब्रिटेन की इकोनॉमी को तबाह कर देंगे।
एक सवाल जो ब्रिटिश मीडिया में लगातार पूछा जा रहा है कि इस सियासी भूचाल के बावजूद सुनक चुप क्यों हैं? 15 दिन में न तो वो मीडिया के सामने आए और न ही उन्होंने कोई लिखित बयान जारी किया। यह खामोशी क्यों है, ये सुनक ही बता सकते हैं।
वेट एंड वॉच, पार्टी बैठक से किनारा
PM पद के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के मेंबरों की वोटिंग में हारने वाले ऋषि सुनक फिलहाल वेट एंड वॉच की नीति अपनाए हुए हैं। सुनक ने अक्टूबर में होने पार्टी कंजरवेटिव पार्टी की सालाना बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। सुनक ने सार्वजनिक बयानों से किनारा कर लिया है।आखिरी ट्वीट 8 सितंबर को किया था।

माना जा रहा है कि सुनक समर्थकों के साथ रणनीति में जुटे हैं। क्योंकि, सुनक के पास ट्रस से ज्यादा सांसदों का समर्थन है। सांसदों की फाइनल वोटिंग में सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 137 जबकि ट्रस को 113 सांसदों के वोट मिले थे।

ब्रिटेन का अगला PM कौन:भारतवंशी ऋषि सुनक रेस में आगे, लिज के वादों पर पहले ही कह दिया था- इकोनॉमी तबाह हो जाएगी

14 घंटे पहलेलेखक: त्रिदेव शर्मा
ब्रिटेन के पॉलिटिकल पंडित कई दिनों से जो बात कह रहे थे, वही हुआ। महज 24 घंटे पहले तक लिज ट्रस प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर रहीं थीं। आखिरकार पार्टी के दबाव में उन्हें झुकना पड़ा। लिज ने इस्तीफा दे दिया, हालांकि पार्टी का अगला नेता चुने जाने तक वो पद पर बनीं रहेंगी।


अब सवाल यह उठता है कि लिज के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के संसदीय दल का नया नेता कौन बनेगा? मीडिया रिपोर्ट्स में तो भारतीय मूल के ऋषि सुनक को ही इस पद का सबसे बड़ा और सबसे काबिल दावेदार बताया जा रहा है। बुधवार को कई नेताओं ने सुनक के अगस्त में दिए बयान की याद दिलाई। तब ऋषि ने कहा था- लिज टैक्स कटौती का चुनावी वादा कर रही हैं, यह इकोनॉमी को तबाह कर देगा। ऋषि वाणी सच साबित हुई।


ऋषि सुनक दावा मजबूत, लेकिन चुप क्यों

पूर्व वित्त मंत्री क्वासी वारटेंग और जेरेमी हंट दोनों ही नए पार्टी लीडर की रेस से खुद को बाहर बता चुके हैं। अब सबसे तगड़ा दावा भारतीय मूल के ऋषि सुनक का माना जा सकता है। बुधवार को ही ‘द गार्डियन’ ने एक रिपोर्ट में कहा था- ब्रिटेन के लोगों और कंजर्वेटिव पार्टी के कई सांसदों की सोच यह है कि सितंबर में सुनक को ही प्रधानमंत्री बनाया जाना था। लिज को गलत चुना गया।
अब सवाल यह है कि क्या ऋषि सुनक दोबारा इस रेस में शामिल होंगे? इसकी बड़ी वजह यह है कि पार्टी और देश की सियासत में 15 दिन से उथलपुथल मची थी और ऋषि शांत थे। पूर्व मंत्री मॉरडेन्ट भी रेस में शामिल हो सकती हैं। वैसे भी लिज के चुने जाने के पहले सांसदों ने जो वोटिंग की थी, उसमें सबसे ज्यादा वोट सुनक को ही मिले थे।
लेकिन, जब दो कैंडिडेट यानी लिज और सुनक बचे तो फैसला कंजर्वेटिव पार्टी के मेंबर्स ने किया। इसमें लिज ने बाजी मार ली। सुनक पहले ही आगाह कर रहे थे कि लिज जो चुनावी वादे कर रहीं है, वो ब्रिटेन की इकोनॉमी को तबाह कर देंगे।
एक सवाल जो ब्रिटिश मीडिया में लगातार पूछा जा रहा है कि इस सियासी भूचाल के बावजूद सुनक चुप क्यों हैं? 15 दिन में न तो वो मीडिया के सामने आए और न ही उन्होंने कोई लिखित बयान जारी किया। यह खामोशी क्यों है, ये सुनक ही बता सकते हैं।
वेट एंड वॉच, पार्टी बैठक से किनारा
PM पद के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के मेंबरों की वोटिंग में हारने वाले ऋषि सुनक फिलहाल वेट एंड वॉच की नीति अपनाए हुए हैं। सुनक ने अक्टूबर में होने पार्टी कंजरवेटिव पार्टी की सालाना बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। सुनक ने सार्वजनिक बयानों से किनारा कर लिया है।आखिरी ट्वीट 8 सितंबर को किया था।

माना जा रहा है कि सुनक समर्थकों के साथ रणनीति में जुटे हैं। क्योंकि, सुनक के पास ट्रस से ज्यादा सांसदों का समर्थन है। सांसदों की फाइनल वोटिंग में सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 137 जबकि ट्रस को 113 सांसदों के वोट मिले थे।


सुनक की आशंकाएं, जो सच साबित हुईं
टैक्स में कटौती और सेंट्रल बैंक से लोन लेने की ट्रस नीति यानी ट्रसोनोमिक्स परी कथा के समान है।
नतीजा: मिनी बजट में ट्रस सरकार ने टैक्स कटौती की, लेकिन मिडिल क्लास को 19% जबकि अमीरों को 45% तक की छूट दे दी गई।
महंगाई से राहत के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। सरकार को अपने विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने होंगे।
नतीजा: ऐसा हुआ नहीं, ब्रिटिश पाउंड डॉलर के मुकाबले 50 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा। सेंट्रल बैंक को देनदारियां चुकानी पड़ रहीं हैं। महंगाई बेलगाम।

2 महीने पहले भारत के बारे में क्या कहा था

दो महीने पहले सुनक ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान कहा था- हम सभी भारत के साथ ट्रेड और काम करने की अपॉरचुनिटी के बारे में जागरूक हैं। दोनों देशों के रिलेशन में बदलाव लाना होगा। यहां के लोग भारत से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
UK के स्टूडेंट्स के लिए भारत जाना आसान होना चाहिए। वो भारत जाएं और वहां के कल्चर और लोगों को जानें। भारत और UK की कंपनियों को एक साथ काम करने में आसानी हो। केवल एकतरफा व्यापार न हो।
चीन से ब्रिटेन की नेशनल सिक्योरिटी और इकोनॉमी को खतरा है। लंबे वक्त से हम इसका सामना कर रहे हैं। हमें बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है। PM बनने के बाद मैं जनता और देश को सुरक्षित रखने के लिए जो कुछ करना पड़ेगा वह करुंगा। बतौर प्रधानमंत्री यह मेरी जिम्मेदारी भी होगी।
ब्रिटेन में PM का चुनाव कैसे होता है

ब्रिटेन PM बनने के लिए ऋषि सुनक के सामने सबसे बड़ी चुनौती कंजर्वेटिव पार्टी में अपनी लीडरशिप तैयार करने की रहेगी। दरअसल, कंजर्वेटिव पार्टी में नेता चुनने की प्रक्रिया में एक कमेटी शामिल होती है। इस कमेटी के सदस्य पार्टी के सांसद ही होते हैं।
प्रॉसेस में तीन फेज होते हैं। नॉमिनेशन, एलिमिनेशन और फाइनल सेलेक्शन। सुनक नॉमिनेशन राउंड में सबसे आगे रहे थे। एलिमिनेशन राउंड (फर्स्ट और सेकंड बैलेट) में भी वे टॉपर रहे।
आखिर में पार्टी के करीब 2 लाख मेंबर्स बैलेट वोटिंग से PM का नाम तय करते हैं। पिछली बार सुनक इसी मामले में लिज ट्रस से पीछे रह गए थे और यही डिसाइडर था।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे ऋषि सुनक भारत से रिश्तों में पॉजिटिव चेंज लाना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि भारत और UK के स्टूडेंट्स को एक-दूसरे देश आने-जाने में परेशानी न हो। इसके अलावा कंपनियां भी आसानी से ट्रेड कर सकें। भारत UK संबंध अहम हैं। हम दोनों देशों के बीच घरेलू रिश्ते बनाना चाहते हैं। ब्रिटेन को भारत से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।

Share:

Leave a Comment