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गुजरात हादसा अपडेट: 17 रुपये का था टिकट... 5 दिन में कैसे टूट गया पुल?

गुजरात (ईन्यूज एमपी)- गुजरात के मोरबी में रविवार शाम बड़ा हादसा हो गया. यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए. इस दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 132 हो गया है. वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल हैं. इस बीच जानकारी मिली है कि मोरबी केबल ब्रिज (Morbi Cable Bridge) को मरम्मत के बाद 5 दिन पहले ही सैलानियों के लिए खोला गया था. जान लें कि मोरबी पुल पर जाने के लिए लोगों से 17 रुपये चार्ज किए जाते थे और बच्चों का टिकट 12 रुपये था. रविवार के दिन बड़ी संख्या में सैलानी मोरबी केबल ब्रिज पर पहुंचे थे. अगर मरम्मत के बाद पुल सही हो गया था तो 5 दिन के अंदर यह कैसे टूट गया? इतनी बड़ी संख्या में लोगों को पुल पर क्यों जाने दिया गया? इस हादसे की जांच एसआईटी करेगी.

मोरबी हादसे की जांच करेगी एसआईटी

बता दें कि गुजरात सरकार ने मोरबी हादसे की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन कर दिया है. एसआईटी (SIT) की टीम पता लगाएगी कि मोरबी केबल ब्रिज गिरने के पीछे वजह क्या है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? गुजरात सरकार की तरफ से कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अपनों की तलाश में जुटे रोते-बिलखते परिजन

जान लें कि मोरबी केबल ब्रिज करीब 765 फीट लंबा था. यह मच्छु नदी पर बना था. नदी से शवों के निकलने का सिलसिला अब भी जारी है. उनके शवों की पहचान की जा रही है. यहां कई लोग हैं जो अपनों की तलाश कर रहे है. एक पिता जिनकी 19 साल की बेटी चली गई, बेहद नाराज नजर आए. वहीं, एक परिवार के 7 लोग इस हादसे का शिकार हो गए हैं. कुछ परिवार तो ऐसे हैं जिन्हें ये ही नहीं पता कि उनके अपने अभी कहां है.

नदी में गिरे लोगों की तलाश में जुटी एनडीआरएफ

एनडीआरएफ (NDRF) की टीम टेक्निकल मदद लेकर सर्च कर रही है, जिसमें एक मशीन अंदर पानी में डालकर बाहर स्क्रीन पर उसे देखा जा रहा है ताकि ये पता चल सके कि अंदर कोई है या नहीं. इस सिस्टम को रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) कहते हैं. पानी के अंदर कैमरे जाकर लाइट के जरिए किसी के फंसे होने की तलाश करते हैं.

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