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बदलते मौषम मिजाज पर प्रशासन का धान में ध्यान , सेमरिया में क्यूं नाराज हुये कलेक्टर...

सीधी (ईन्यूज एमपी ) खराब मौषम मिजाज के चलते किसानों की खून पसीने की कमाई खुले आसमान में भण्डारित है , यही कारण है कि जिले के आला अधिकारियों का ध्यान धान की ओर है । कलेक्टर साकेत मालवीय सीईओ जिला पंचायत राहुल नामदेव धोटे व अपर कलेक्टर द्वारा धान उपार्जन केन्द्र सेमरिया एवं सर्रा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने कृषकों से चर्चा कर खरीदी केन्द्र में की गयी व्यवस्थाओं तथा आ रही परेशानियों के विषय में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न का परिवहन कर सुरक्षित भंडारण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने इस कार्य को प्राथमिकता पर करने के निर्देश खरीदी केन्द्रों के संचालकों दिए हैं।

कलेक्टर द्वारा उपार्जन केंद्रों में भण्डारित धान के परिवहन नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देशित किया गया है कि उपार्जन केन्द्रों में भण्डारित खाद्यान्न का तुरंत परिवहन कराकर गोदामों एवं कैप में सुरक्षित भण्डारण कराया जाय। आवश्यक हो तो अतिरिक्त ट्रक लगाकर परिवहन करायें। गोदाम स्तरीय केन्द्रों पर उपार्जित खाद्यान्न को उपार्जन दिवस में ही गोदाम में भण्डारण करायें। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिन किसानों को स्लाट बुक कर दिया गया है उनके खाद्यान्न की तौल एवं परिवहन निर्धारित दिवस में ही सुनिश्चित करें। उपार्जन केन्द्रों पर खाद्यान्न की तौल के उपरांत वारदानों की तत्काल सिलाई करके ऊंचे एवं पक्के स्थान पर स्टेकिंग लगाकर रखी जाय और वर्षा से बचाव हेतु खाद्यान्न को तिरपाल से कवर करें। उपार्जन केन्द्र परिसर में पानी का भराव न हो यह सुनिश्चित करें। किसी भी केन्द्र में धान, मोटा अनाज भींगकर खराब होने की स्थिति में संबंधित उपार्जन केन्द्र से भरपाई की जाएगी।

कलेक्टर ने धान उपार्जन के संबंध में समस्त जानकारी प्रत्येक उपार्जन केंद्र में ऑफलाइन संधारित करने के भी निर्देश दिए हैं। कलेक्टर द्वारा खरीदी उपरांत किसानों को तत्काल पावती उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि तकनीकी समस्या के कारण ऑनलाइन पावती नहीं मिलने पर ऑफलाइन पावती अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए जिसमें उपार्जित धान की मात्रा तथा राशि का स्पष्ट उल्लेख किया जाए। कलेक्टर ने कृषकों से कहा कि यदि किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो तत्काल संबंधित उपखण्ड अधिकारी या तहसीलदार से संपर्क करें।

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