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Home सीधी दर्पण *विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन*

*विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन*

पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी) :-भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह एवं प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत लाल पटेल के आवाहन पर भारतीय किसान यूनियन जिला सीधी के संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह बघेल एवं ब्लॉक मझौली के अध्यक्ष सरोज कुमार बैस अपने संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ उपखंड अधिकारी मझौली को ज्ञापन पत्र सौंपा गया है।
ज्ञापन पत्र नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री भारत सरकार के नाम जारी किया गया है जिसमें हवाला दिया गया है कि आज देश का किसान नकदी के भारी संकट से जूझ रहा है जिसका प्रभाव खरीफ़ की बुवाई पर पड़ रहा है।कोविड-19 के चलते लॉक डाउन के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई हेतु सरकार से कोई भी सीधी सहायता किसानों को नहीं मिली है।इसी बीच सरकार द्वारा वन नेशन वन मंडी, आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव,कांट्रैक्ट फार्मिंग अध्यादेश, प्रस्तावित विद्युत अधिनियम संशोधन जैसे कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ने का कार्य किया जा रहा है।सरकार द्वारा लगाई गई डीजल पर भारी-भरकम एक्साइज ड्यूटी भी किसानों की कमर तोड़ रही है। आज दिनांक 30 जून 2020 को भारतीय किसान यूनियन द्वारा पूरे प्रदेश के जिला व तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन के माध्यम से मांग की गई है कि देश में डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं जिसका सीधा असर सार्वजनिक परिवहन, माल भाड़े व किसानों पर पड़ रहा है जिससे देश के किसान,मजदूर प्रभावित हो रहे हैं डीजल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर अधिकतम ₹10 लीटर लगाई जाय। पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, डीजल पेट्रोल का रेट पूरे देश में एक समान किए जाए।
लॉक डाउन के अंतर्गत फल,सब्जी, दूध, पोल्ट्री, फिशरीज, मधुमक्खी पालक, फूल उत्पादक किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु सरकार द्वारा अभिलंब 1.50 लाख करोड़ का पैकेज दिया जाए। किसान सम्मान निधि का लाभ पहली किस्त की तरह सभी किसानों को दिया जाए। किसान सम्मान निधि की राशि को ₹6000 से बढ़ाकर ₹24000 किया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून के दायरे में लाकर समर्थन मूल्य से नीचे खरीद करने वालों पर कार्रवाई करते हुए किसानों की प्रत्येक दिन मंडियों में हो रही लूट को रोका जाए।आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन व कांट्रेक्ट फार्मिंग अध्यादेश व प्रस्तावित विद्युत संशोधन अधिनियम को तुरंत वापस लिया जाए।इन कानूनों से किसानों को भारी नुकसान होगा। किसानों के सभी तरह के पिछले 1 साल तक के कर्ज माफ किए जाएं।
इसके पूर्व जिला संगठन मंत्री द्वारा मझौली क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं के साथ कई किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्या के संबंध में चर्चा की गई वही ज्ञापन पत्र के बारे में भी किसानों को अवगत कराते हुए आगाह किया गया कि अगर मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता है तो सभी किसानों को अपने हक व अधिकार के लिए संगठित होकर संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।वहीं इसी तरह ज्ञापन पत्र सीधी जिला के सभी उपखंड कार्यालय में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों के द्वारा दिए जाने की जानकारी दी गई है।ज्ञापन सौंपने वालों में राघवेंद्र बैस, रणजीत तिवारी,हीरालाल साकेत एवं रणदमन सिंह आदि।

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