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Home बिज़नेस 15 महीने में क्रूड 31% सस्ता,तेल कंपनियां 31 हजार करोड़ के मुनाफे में, लेकिन दाम कम नहीं....

15 महीने में क्रूड 31% सस्ता,तेल कंपनियां 31 हजार करोड़ के मुनाफे में, लेकिन दाम कम नहीं....

नई दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-केंद्र सरकार ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपए घटाकर राहत दी है। हालांकि, आम आदमी की दूसरी सबसे बड़ी जरूरत पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले 15 माह से जस के तस हैं। सरकारी तेल कंपनियों ने आखिरी बार 21 मई 2022 को पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क घटाया था।


इससे पेट्रोल-डीजल के दाम 9.5 रुपए और 7 रुपए कम हो गए थे। तब कच्चा तेल 109.51 डॉलर था। इसके बाद जून 2023 में ये 31.57% गिरकर 75 डॉलर से नीचे आ गए, लेकिन पेट्रोल-डीजल सस्ते नहीं हुए।

पेट्रोल-डीजल में ₹5 से ₹6 की कटौती करने की गुंजाइश
कंपनियों का तर्क है कि 2022 में महंगा कच्चा तेल खरीदकर पेट्रोल-डीजल बनाने में उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा। अभी उसकी भरपाई चल रही है। 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में तीनों सरकारी तेल कंपनियों को 16,700 करोड़ का घाटा भी हुआ था।

हालांकि, अब तस्वीर बदल चुकी है। 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में इन तेल कंपनियों को 31,159 करोड़ रुपए का अभूतपूर्व मुनाफा हुआ है। जानकारों का कहना है कि तेल कंपनियों के पास पेट्रोल-डीजल में 5 से 6 रुपए की कटौती करने की गुंजाइश है।


दोनों ईंधन के दाम तत्काल 5 रुपए घटाए जा सकते हैं
सरकार के लिए महंगाई कम करना सबसे बड़ा मुद्दा है। दिल्ली में अभी पेट्रोल के दाम 96.72 रु. और डीजल 89.62 रु./लीटर हैं। ऐसे में दोनों ईंधन के दाम 5 रुपए प्रति लीटर तक दाम घटाए जा सकते हैं। दरअसल, तेल कंपनियों को एक साल से कच्चा तेल खरीदने में काफी मुनाफा हुआ है। 2022 की पहली तिमाही में दुनिया में कच्चा तेल 131 डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन रूस से हमें 99 डॉलर पर मिला।

2023 की पहली तिमाही, यानी अप्रैल-जून के बीच सऊदी अरब और UAE 86 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर हमें तेल बेच रहे थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 77.7 डॉलर था। हम यह तेल रूस से 70 डॉलर से भी कम पड़ा। यानी तेल कंपनियों को अब भी 8.8 डॉलर प्रति बैरल के डिस्काउंट पर यह तेल मिल रहा है। खुद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री डॉ. हरदीप सिंह पुरी भी तेल कंपनियों से दाम घटाने को कह चुके हैं।


पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती का बिलकुल उपयुक्त समय
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्री समिरन चक्रवर्ती और बकार ए जैदी के मुताबिक, 'रसोई गैस के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती का बिलकुल उपयुक्त समय है। महंगाई को लेकर सरकार का नजरिया बिलकुल साफ है। जिस तरह आयात करके टमाटर सस्ते किए गए, LPG के दाम घटाए गए, अब फोकस पेट्रोल-डीजल पर है। भारी मुनाफा बना रहीं तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने की स्थिति में हैं।

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