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कालेधन पर लेन-देन का मामला, तीन एडीजी और एक एसपी.....

भोपाल( ईन्यूज एमपी)आम चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल पर केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी) में शामिल तीन आईपीएस अफसरों और एक राज्य पुलिस सेवा के अफसर को सरकार ने चार्जशीट (आरोप-पत्र) जारी की है। साथ ही पूछा है कि सीबीडीटी की अप्रेजल रिपोर्ट में जिस राशि के लेन-देन के आगे उनका नाम लिखा है, उस पर उनकी सफाई क्या है। जवाब आने के बाद सरकार विभागीय जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है। इन अफसरों में तीन आईपीएस में एडीजी स्तर के अधिकारी सुशोभन बैनर्जी, संजय व्ही माने और व्ही मधुकुमार हैं। राज्य पुलिस सेवा व एसपी स्तर के अधिकारी में अरुण मिश्रा का नाम है।1989 बैच के अधिकारी बैनर्जी वर्तमान में जेएनपीए सागर में एडीजी, 1989 बैच के अधिकारी माने वर्तमान में एडीजी पुलिस सुधार, 1991 बैच के अधिकारी व्ही मधुकुमार एडीजी पीएचक्यू और अरुण मिश्रा उप सेनानी 35वीं भा.र. वाहिनी विसबल मंडला में पदस्थ हैं। इन सभी को सिविल सेवा आचरण नियम 14(3) के तहत चार्जशीट जारी हुई है। पुलिस मुख्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सभी को जवाब के लिए एक माह का वक्त दिया गया है।

आदर्श व्यवस्था में नोटिस दे सकते हैं, लेकिन सिविल सेवा नियमों में इसका कोई प्रावधान नहीं : मिश्रा
मप्र के पूर्व उप महाधिवक्ता व वरिष्ठ वकील अजय मिश्रा का कहना है कि यदि आदर्श व्यवस्था की बात करें तो आरोप-पत्र देने से पहले कारण बताओ नोटिस देना चाहिए। इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन सिविल सेवा आचरण नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सरकार आरोपों से जुड़े किसी भी मामले में अफसर को सीधे आरोप-पत्र जारी कर सकती है। इसके बाद भी संबंधित व्यक्ति का जवाब आता है। जवाब यदि संतुष्ट करने वाला है तो आगे की कार्रवाई ड्रॉप हो जाती है।

सुशोभन बैनर्जी : अप्रेजल रिपोर्ट में 2 अप्रैल 2019 को 25 लाख रुपए का कैश लेन-देन अवैध रूप से प्रतीक जोशी के साथ किया गया है। यह भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है।
संजय व्ही माने : सीबीडीटी की रिपोर्ट में 24 दिसंबर 2018 को 5 लाख रु. और 30 मार्च 2019 को प्रतीक जोशी से 30 लाख का कैश लेन-देन किया। बिना हिसाब-किताब का लेन-देन भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है।
व्ही मधुकुमार : सीबीडीटी की रिपोर्ट में 28 मार्च 2019 को 25 लाख का कैश लेन-देन प्रतीक जोशी के साथ किया गया। इसी दिन 12.50 करोड़ रु. अपनी कस्टडी में रखवाकर अघोषित लेन-देन किया, जो भ्रष्ट आचरण है।
अरुण मिश्रा : अप्रेजल रिपोर्ट में 31 मार्च 2019 को अवैध कैश लेन-देन 7.5 करोड़ रुपए का प्रतीक जोशी के साथ किया जाना पाया गया। सिविल सेवा अधिनियम के तहत यह भ्रष्ट आचरण हैं। जवाब दें।

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