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Home सीधी दर्पण फिर शुरू हुआ हाथियों का तांडव, वनांचल में रौंदा गरीब आदिवासी का आशियाना.....

फिर शुरू हुआ हाथियों का तांडव, वनांचल में रौंदा गरीब आदिवासी का आशियाना.....

सीधी(ईन्यूज एमपी)- कुसमी जिले के संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पोडी रेंज के गांजर पंचायत के तिनगी में हाथियों ने एकबार फिर उत्पात मचाना शुरू कर दिया है।जिससे ग्रामीणो मे दहशत का माहौल है ,हलाकि तिनगी मे कई परिवार को प्रशासन ने विस्थापित भी कर दिया है मगर तिनगी सहित कई ऐसे गांव है जहां जंगली जानवरो के आने जाने का मूमेन्ट आये दिन बना रहता है पर ऐसे गांवो का पूर्ण विस्थापन नही हो सका है।जब कि अधिकारियो को आदिवासी परिवार ने लिखित सूचना भी दे रक्खी है,पर दलालो के कारण अधिकारी पूर्ण विस्थापन नही हो पा रहे है। जिससे आये दिन जानवरो के हमले से आदिवासी लोग घायल हो रहे है।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात्रि हाथियो के झुण्ड ने तिनगी मे क ई घरो को निशाना बनाते हुये उत्पात मचाया और तेज बहादुर सिंह पिता मोहर सिंह के घर को पूरा तोड़ दिया,और घर रखी खाद्य सामग्री भी हाथियो के झुण्ड ने खा लिया,जानकारी यह बताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र से करीब नव हाथियों का झुंड करीब 11:00 बजे रात्रि से ही गांव में प्रवेश कर लिया था और रात्रि 2:00 बजे के आसपास अचानक हाथियों ने घर गिराना शुरू कर दिया हालांकि हाथियों के आने की सूचना ग्रामीणों को लग गई थी इसलिए ग्रामीण अपना घर छोडकर जान बचाते गांव के दूसरे छोर पर रतजगा होकर अपनी जान बचा लिये पर हाथियो के दल को देखकर गांव के लोग डरे सहमे हुये है।बताया जा रहा है कि 15दिन से हाथी तिलया के जंगल मे रह रहे है।

*विस्थापन पर बरत रहे हीलाहवाली*

संजय टाइगर क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कई गांव हैं जहा जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण आए दिन परेशान रहते है और ग्रामीणों के साथ में आए दिन घटनाएं घट रही है।ऐसे सीमा क्षेत्र से लगे गांव जहा जानवरो का मूमेन्ट आये दिन बना रहता जिसकी जानकारी वन विभाग के आला अफसर को है इसके बाद भी पूर्ण विस्पापन न करना वडी लापरवाही अंतर्गत आता है। ऐसे क्षेत्रों को वन विभाग राजस्व से मिलकर अतिशीघ्र विस्थापन कर देना चाहिए लेकिन वन विभाग के आला अधिकारी विस्थापन पर बडी लापरवाही बरत रहे हैं जिससे ग्रामीणों का भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है,यहा तक का परिवार के सदस्यो की मौत तक हो रही है पर शासन प्रशासन गंभीर नही है। हालांकि वन विभाग के आला अधिकारी ऐसे नुकसानी की भरपाई पैसे देकर कर रहा हैं लेकिन पूर्ण विस्थापन करके एकमुक्त राशि की कार्यवाही नहीं कर पा रहा हैं वही सूत्र यह भी बता रहे हैं कि विस्थापन में कई ऐसे शामिल हो गए हैं जिनके इशारे पर ही विस्थापन का सारा खेल चल रहा है।संजय टाइगर क्षेत्र अंतर्गत कई ऐसी ऐसे गांव हैं जहां पर वन विभाग पूर्ण विस्थापन नहीं कर पाया है जिससे आदिवासी परिवार उस गांव को नहीं छोड़ पा रहा है और पैसे के अभाव के कारण अपने ही गांव में गुजर-बसर कर रहें है और आए दिन कर्मचारियों की डांट फटकार सुन रहा और जानवर के आतंक का सामने करते हुये जीवन त्याग रहा है जिस पर पार्टी के नेता भी ध्यान नहीं दे पा रहे है।

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