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Home मध्य प्रदेश मध्‍य प्रदेश में 28 वर्ष बाद आदिवासी सीटों पर मिल रही भाजपा को चुनौती, मजबूत रणनीति बनाने में जुटी पार्टी।

मध्‍य प्रदेश में 28 वर्ष बाद आदिवासी सीटों पर मिल रही भाजपा को चुनौती, मजबूत रणनीति बनाने में जुटी पार्टी।



भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों में मध्य प्रदेश की आदिवासी बहुल कई सीटों पर कांग्रेस से मिली कड़ी चुनौती को लेकर भाजपा गंभीर है। लोकसभा चुनाव में वह इससे निपटने के लिए कारगर रणनीति बनाने में जुटी है।। दरअसल, मध्य प्रदेश सहित देशभर में माहौल भले ही भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहा हो लेकिन 28 वर्ष बाद पहली बार आदिवासी सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिली। पिछले कई चुनाव से प्रदेश की अधिकांश आदिवासी बहुल लोकसभा सीटें भाजपा जीतती रही है पर विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को मालवा से महाकोशल अंचल तक आदिवासी बहुल सीटों पर नुकसान हुआ है।
लोकसभा के लिए मध्य प्रदेश में एसटी वर्ग के लिए सुरक्षित छह सीटों में से शहडोल और बैतूल को छोड़कर बाकी चार सीट रतलाम, धार, खरगोन और मंडला में भाजपा के लिए अब भी अनुकूल माहौल नहीं है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झाबुआ से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की है। विधानसभा में एसटी के लिए आरक्षित 47 सीटों में भी भाजपा को 24, कांग्रेस को 22 और एक पर अन्य को विजय मिली है।

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