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Home मध्य प्रदेश 12th तक पढ़ी सीधी की मीरा घर-घर जाकर दे रही बैकिंग सेवाएं...समाज में मिलने लगी है प्रतिष्ठा।

12th तक पढ़ी सीधी की मीरा घर-घर जाकर दे रही बैकिंग सेवाएं...समाज में मिलने लगी है प्रतिष्ठा।

सीधी(ईन्यूज एमपी)- म.प्र.डे. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन विकासखण्ड मझौली अन्तर्गत समूह की महिलाएं बीसी सखी बनकर गांव-गांव में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं दे रही है। ग्राम नदहा की मीरा गुप्ता स्व-सहायता समूह का गठन कर अपनी पंचायत में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं दी जा रही है। साथ में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में सक्रिय कार्य कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का निरन्तर प्रयास कर रही है।
मीरा गुप्ता बताती हैं कि वह एक समान्य परिवार की महिला हैं। घर में ही गृहस्थ जीवन में बच्चों के साथ पूरे परिवार की देख-रेख में ही सारा समय चला जाता था। 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद भी एक बेरोजगारी और गरीबी का जीवन-यापन करने में मजबूर थी। एक दिन अचानक से ही मन में मेहनत और त्याग के जरिये कुछ करने का विचार आया जिससे बच्चों की अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ शादी-विवाह, परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर सके। आजीविका मिशन से प्रेरित होकर उन्होंने जय बजरंगदल स्व सहायता समूह नाम से एक नये समूह का गठन कर समूह से जुड़ गई।
उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन के माध्यम से उन्होंने आरसेटी से बीसी सखी का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने गांव के आस-पास बीसी सखी के रूप में लोगों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने लगी। उन्होंने सितम्बर 2020 से बीसी सखी का कार्य प्रारम्भ कर दिया। कार्य के दौरान घर-घर जा कर लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया। वह इस योजना अंतर्गत हर कार्य को बड़े आसानी से कर पा रही हैं तथा मासिक आय लगभग 15 हजार से 18 हजार रूपये प्राप्त कर लेती हैं। उन्होंने बताया कि कुछ अन्य कार्य जैसे स्टेशनरी, बैंकिग कार्य, समूह में उद्यमी का चयन कर उद्यम स्थापित करवाना इन सब कार्य से भी कुछ पैसा मिल जाता है, जिससे आय में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि इन सभी कार्यों को करने से एवं आजीविका मिशन के सहयोग से कार्य में निरन्तर वृद्धि हो रही है। समूह की महिलाओं का भी हमेशा सहयोग रहता है। बीसी सखी के कार्य से समाज में प्रतिष्ठा मिलने लगी है। हमारे परिवार के प्रति समाज में रहन-सहन का नजरिया भी बदल गया है। समूह से जुड़ने के बाद ही आज मुझे सब कुछ प्राप्त हुआ है। अब मैं महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा मदद करती हूँ ताकि वे बैंकिंग सेवाओं से दूर न रहें।
मीरा गुप्ता ने कहा कि जब से मैं आजीविका मिशन में जुड़ी हूँ तब से मुझे एक नई पहचान मिली है। साथ-साथ गाँव में चल रही शासन के माध्यम से समस्त योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकी है। आज मैं जो भी कुछ हूँ आजीविका मिशन के कारण ही हूँ।

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