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जिला स्तरीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर सम्पन्न....

सीधी (ईन्यूज एमपी)-जिला विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेन्द प्रताप सिंह के मार्गदर्शन मे दिनांक 11.01.2020 को  ए.डी.आर. सेन्टर सीधी मे विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त  तत्वाधान मे बच्चों की सुरक्षा, उनका संरक्षण एवं बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 
               शिविर के मुख्य अतिथि अपर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के प्रभारी सचिव  अजय कान्त पाण्डेय ने अपने उद्ववोधन मे कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अन्तर्गत विधिक सेवा योजनाओं के पालन में गरीब व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता व सलाह उपलब्ध कराई जा रही है तथा समाज की अन्तिम पंक्ति मे खडे व्यक्ति को  निःशुल्क विधिक सहायता के माध्यम से न्यायालय मे उनके विचाराधीन प्रकरणों मे अधिवक्ता व अदालती खर्च उपलब्ध कराया जा रहा है तथा जेल मे निरूद्व बंदियो को भी विधिक सेवा से उनके प्रकरणांे मे अधिवक्ता नियुक्त किया जा रहा है।
अपर जिला न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय एक लाख रूपये तक है निःशुल्क विधिक सहायता पाने का पात्र है एवं अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं को आय श्रेणी से मुक्त रखा गया है। विधिक सेवा योजना के अन्तर्गत यह लाभ तहसील न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक दिया जा रहा है। श्री पाण्डेय ने नेशनल लोक अदालत के व्यापक प्रचार प्रसार पर बल दिया तथा न्यायालयों मे लंबित प्रकरणों विशेषकर मोटर दुर्घटना, दावा प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत दिनांक 08.02.2020 मे रखे जाकर निपटारे हेतु पक्षकारांे से अपील की। श्री पाण्डेय ने कहा कि नेशनल लोक अदालत मे प्रकरणों के निराकरण होने पर पक्षकारों को संम्पूर्ण कोर्ट फीस की वापसी हो जाती है तथा नेशनल लोक अदालत मे पारित निर्णय अन्तिम होता है जिससे पक्षकारों के मध्य विवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। 
मिनी गुप्ता न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी/प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड सीधी द्वारा अपने उद्ववोधन मे किशोर न्याय अधिनियम एवं बाल कल्याण के अन्तर्गत संचालित विभिन्न कल्याणकारी बालकों के संरक्षण मे जानकारी दी गई। श्रीमती गुप्ता ने कहा कि बालकों की मानसिकता को ध्याान मे रखते हुये किशोर न्याय अधिनियम को अधिनियमित किया गया है एवं इस अधिनियम मे बालकों के पुनर्वास हेतु विधिक प्रावधान किये गये हैं जिसकी मंशा के अनुसार कार्य होना अति आवश्यक है।
           भारती शर्मा जिला अभियोजन अधिकारी सीधी ने अपने उद्ववोधन मे लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की जानकारी देते हुये बताया कि लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीणन, अश्लील साहित्य के अपराधों का बालकों का संरक्षण करने एवं उन्हंे त्वरित न्याय प्रदान करने हेतु पाक्सो एक्ट अधिनियम 2012 बनाया गया। यह अधिनियम बच्चों को 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के रूप मे परिभाषित करता है और बच्चे का शारीरिक, भावनात्मक, बौधिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के लिये हर चरण को अधिक महत्व देते हुये बच्चों के श्रेष्ठ हितों का सम्मान करता है और इस अधिनियम मे यौन उत्पीणन जैसा घृणित कार्य करने वाले अपराधियों को कठिन से कठिन सजा दी जाती है जिसमे मृत्यु दण्ड का भी प्रावधान किया गया है।
           कार्यक्रम मे राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी उप संचालक महिला एवं बाल विकास, अनुराग पाण्डेय विधि अधिकारी, डॅा. डी.के. द्विवेदी सहायक संचालक,  सूर्यभान यादव टी.एम. चिल्डन, मोहिनी सिंह काउंसलर, डी.के रावत, सरस्वती त्रिपाठी प्रशासक वन स्टांप सेन्टर एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई के पदाधिकारीगण एवं पैरालीगल वालेटियरगण उपस्थित रहे।

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