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Home कालचक्र इस बार 22 नही 23 मार्च को होगा होलिका दहन, 237 साल बाद बन रहा है ऐसा योग -

इस बार 22 नही 23 मार्च को होगा होलिका दहन, 237 साल बाद बन रहा है ऐसा योग -

रंगों के पर्व होली पर इस साल 237 साल बाद महायोग बन रहा है। ध्वज और ब्रज योग में 23 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। इससे पहले यह महासंयोग 1779 में बना था। इस महायोग में होली जलाने पर सम्मान, प्रतिष्ठा, सुख और समृद्धि का निवास होता है। कार्य फलित होते हैं। यह संयोग गति का सूचक है। वहीं दूसरे दिन धुलेंडी को राशियों में ग्रहों की युति बन रही है। इसके साथ ही सर्वार्थसिद्ध योग और अमृत योग भी रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, होली पर सूर्य बुद्धात्यि और चाण्डाल योग भी है। लंबे अर्से के बाद कई राशि और ग्रहों में युति के प्रभाव होगा।
वृश्चिक राशि में करीब 237 साल बाद होली पर राशि और ग्रहों के बीच युति का योग है। वृश्चिक राशि में मंगल और शनि की युति बनेगी। इसके अलावा सूर्य और बुध ग्रह की मीन राशि में युति होने से मीन राशि सूर्यबुद्धादित्य योग बनेगा। शुक्र, सूर्य और केतु कुंभ राशि में होंगे। गुरु और राहु के सिंह राशि में होने पर चाण्डाल योग का संयोग बनेगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्ध और अमृत योग भी है। विभिन्न योग व युति समृद्धि और विकास की सूचक है। इस बार 31 साल के बाद होलिका दहन उत्तरा फागुनी नक्षत्र में होगा। यह नक्षत्र बाजार में उतार-चढ़ाव का संकेतक है। खाद्यान्न वस्तु, लोहा सीमेंट महंगा रहेगा। मूल्यवान धातु व वस्तुओं की कीतम में उतार-चढ़ाव आएगा। इसके साथ-साथ सैंकड़ों साल बाद ध्वज, ब्रज और युति का योग भी होली पर बन रहा है।
योग और उनका असरध्वज योग- देश का मान बढ़ाने वालाब्रज योग- समाज में प्रतिष्ठा की वृद्धि करता है।सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग- कार्यों को पूरा करने में तेजी, फलित होते हैं।

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