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नाव पलटने से एक ही परिवार के पांच लोगों कि बनी जल समाधि....

कानड़ /आगर-मालवा(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश में आगर-मालवा जिले के गांव लाखाखेड़ी से बुधवार को पचेटी माता मंदिर मान उतारने जा रहे एक ही परिवार के पांच लोग टिल्लर डैम में डूब गए। हादसा डोंगी (छोटी नाव) पलटने से हुआ, सभी के शव नकाल लिए गए। हादसे में जान गंवाने वालों में दो महिलाओं समेत तीन बच्चे शामिल हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 5 लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्ति किया है। मृतकों के स्वजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं 5-5 हजार रुपए की अंत्येष्टि सहायता स्वीकृत की गई है। पुलिस के अनुसार सभी 10 किमी का चक्कर बचाने के लिए टिल्लर डैम के जलभराव क्षेत्र में छोटी नाव से जा रहे थे। तभी छोटी वह पलट गई, जिसमें 13 वर्षीय अलका पुत्री रामप्रसाद, 40 वर्षीय सुनीता पत्नी रामप्रसाद, 10 वर्षीय अभिषेक पुत्र जगदीश, 13 वर्षीय जया पुत्री जगदीश और 35 वर्षीय रामकन्या पत्नी जगदीश की मौत हो गई।



आगर एसपी राकेश कुमार सगर, एसडीओपी ज्योति उमठ, कानड़ थाना प्रभारी हरीश जेजूरकर और पुलिस स्टाफ मौके पर पहुंचा। पांच सदस्यों की मौत के बाद लाखाखेड़ी गांव में माहौल गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि घोषित की है। मालूम हो कि लंबे चक्कर से बचने के लिए ग्रामीण डोंगी से आते-जाते हैं।




10 -12 किलोमीटर का चक्कर लगाकर पहुंचना पड़ता है

आगर तहसील में 10 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का बांध 1990 में बना जो अविभाजित जिला शाजापुर में सबसे बड़ा था। डूब क्षेत्र में आए कई गांव नए स्थान पर पुनर्स्थापित किए गए। किन्तु फतेहपुर मेढ़की पंचायत का लाखाखेड़ी गांव यथास्थित स्थान पर ही रह गया। ऐसे में वर्षाकाल के दौरान बांध में पानी भराने के साथ ग्रीष्मकाल के पूर्व तक इस गांव के बांशिदों को पचेटी माकड़ोन सड़क मार्ग तक जाने के लिए 10 -12 किलोमीटर का चक्कर लगाकर पहुंचना पड़ता है जबकि डैम के जलभराव क्षेत्र से मात्र 400 से 500 मीटर दूरी तय करके मेन रोड पर पहुंच जाते है। यही वजह है कि इस गांव के लोग 10 किलोमीटर का चक्कर बचाने के चक्कर में डोंगी (छोटी नाव) व बाइक के ट्यूब आदि के माध्यम से आना जाना करते आ रहे है। यह आवाजाही करीब 30 वर्षों से जारी है।


गांव के लोग बांध बनने के साथ ही उपजी इस समस्या के निदान के लिए एक पुलिया बनाने की मांग करते आ रहे है। किन्तु इस दिशा में शासन प्रशासन अथवा जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा ठोस पहल नहीं की गई। इधर बुधवार को लाखाखेड़ी के पांच लोगों की मौत इसी जलभराव क्षेत्र में डोंगी से आवागमन के दौरान हुई है। मृतक अनुसूचित जाति के होकर एक ही परिवार के थे। जो गांव लाखाखेड़ी के पास से निकले डैम के छोटी नदीनुमा वृहद व गहरे नाले के पास दूसरे छोर पर रहते है। बांध बनने के पूर्व से 10-12 अजा परिवार की बस्ती बसी हुई है। ऐसे में इस बस्ती क्षेत्र के लोगों को गांवलाखाखेड़ी में आने के लिए भी डोंगी का सहारा लेना पड़ता है। यहां तक की इन परिवारों के 8-10 बच्चे डोंगी के माध्यम से ही लाखाखेड़ी के स्कूल में पढ़ने आते है।

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