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मध्य प्रदेश में लोगों को राहत, नहीं बढ़ेगी संपत्ति की गाइड लाइन....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- शिवराज सरकार ने प्रदेशवासियों को बड़ी राहत देते हुए संपत्ति की गाइड लाइन की दरों में इस साल वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है। इससे मौजूदा दर पर ही संपत्ति का पंजीयन होगा, जिससे आमजन को फायदा होगा। वहीं, चार हजार 651 ऐसे नए क्षेत्र चि-त किए गए हैं, जहां गाइड लाइन तय नहीं थी। यहां एक अगस्त से पहली कलेक्टर गाइड लाइन लागू होगी।


प्रदेश में संपत्ति की गाइड लाइन बढ़ाने को लेकर महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक कार्यालय काफी समय से तैयारी कर रहा था।


जिलों में बैठकें भी हो गई थीं और यह चिन्हित कर लिया गया था कि कहां वृद्धि की जानी है। इसके आधार पर प्रस्ताव तैयार करके बैठकें भी हो गई थी लेकिन कोरोना संकट की वजह से गड़बड़ाई आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि इस वर्ष (मार्च 2022 तक) संपत्ति की गाइड लाइन की दरें यथावत रखी जाएंगी। मौजूदा गाइड लाइन पर ही संपत्ति की खरीद और बिक्री होगी। इस फैसले से जहां आमजन को राहत मिलेगी, वहीं सरकार को राजस्व का कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है।


हर साल होती है तैयारी

प्रदेश में वाणिज्यिक कर विभाग हर साल संपत्ति की खरीद-बिक्री के आधार पर कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ाने-घटाने या यथावत रखने का प्रस्ताव तैयार करता है। वर्ष 2015-16 में गाइड लाइन चार प्रतिशत बढ़ाई गई थी। इसके बाद 2016-17, 2017-18, 2018-19 में कोई वृद्धि नहीं हुई। कमल नाथ सरकार ने वर्ष 2019-20 में पूरे प्रदेश में बीस प्रतिशत गाइड लाइन घटा दी।

हालांकि, रजिस्ट्रेशन फीस में 2.20 प्रतिशत की वृद्धि करके उसे तीन प्रतिशत कर दिया था। पांच प्रतिशत स्टांप शुल्क, तीन प्रतिशत पंजीयन शुल्क, नगरीय क्षेत्र में तीन प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क, ग्रामीण क्षेत्र में एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और .50 प्रतिशत सेस लगता है। महिलाओं के पक्ष में संपत्ति का पंजीयन कराने पर दो प्रतिशत की छूट मिलती है।


कोरोना संकट के दौरान मिला सर्वाधिक राजस्व

संपत्ति के पंजीयन की दरों में वृद्धि नहीं करने का फायदा आमजन के साथ सरकार को भी हुआ। कोरोना संकट के समय माना जा रहा था कि वर्ष 2020-21 में राजस्व घटेगा पर शिवराज सरकार ने जो सिलेसिलेवार कदम उठाए, उससे रिकॉर्ड छह हजार 803 करोड़ रुपये का राजस्व वाणिज्यिक कर विभाग को प्राप्त हुआ।


इसके पहले वर्ष 2017-18 में चार हजार 814, 2018-19 में पांच हजार 304, वर्ष 2019-20 में पांच हजार 604 करोड़ रुपये का राजस्व पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क से मिला था। मौजूदा वित्तीय वर्ष में अभी तक (अप्रैल से जुलाई 2021) दो हजार 150 करोड़ रुपयेे राजस्व प्राप्त हुआ है, जो इसी अवधि में पिछले साल के मुकाबले 35 फीसद अधिक है।

किस संभाग में कितनी नई जगह लागू होगी गाइड लाइन

संभाग-मौजूद स्थान- नए स्थान

भोपाल-3,910-222

इंदौर-4,386-365

जबलपुर-3,720-106

ग्वालियर-3,649-36

उज्जैन-4,289-119

सागर-3,267-157

रीवा-3,402-355

शहडोल-1,263-262

मुरैना-2,899-113

होशंगाबाद-1,802-15

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