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Home मध्य प्रदेश अब सरकारी हॉस्पिटल में भी हट सकेगा आंखों से नंबर का चश्मा,इस शहर में शुरू होगी सुविधा...

अब सरकारी हॉस्पिटल में भी हट सकेगा आंखों से नंबर का चश्मा,इस शहर में शुरू होगी सुविधा...

इंदौर(ईन्यूज एमपी)- आज के परिवेश में कम उम्र में ही आंखों की समस्या होने लगी है। छोटे बच्चों को भी चश्मा लग रहा है। युवा अवस्था में भी स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण चश्मा लगना आम हो गया है। निजी अस्पताल में चश्मा हटाने के लिए होने वाली सर्जरी के महंगे दाम चुकाने पड़ते हैं, लेकिन अब कम दामों में यह सुविधा शहर के शासकीय अस्पताल में भी मिलने लगेगी।

इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज के अधीनस्थ स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई में अब चश्मे का नंबर उतारने के लिए की जाने वाली लेसिक सर्जरी भी होगी। इसके लिए आठ करोड़ रुपये की मशीन भी आ चुकी है, जिसे इंस्टाल करने का भी काम शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश में यह पहला मौका है जब किसी शासकीय अस्पताल में इस तरह की मशीन स्थापित की जा रही है। इससे उन मरीजों को सुविधा मिलने लगेगी जो महंगे दामों के चलते चश्मा हटवाने के लिए सर्जरी नहीं करवा पाते हैं।

निजी अस्पताल में चश्मा हटाने के लिए लेसिक सर्जरी काफी महंगी होती है, लेकिन यही सुविधा इस शासकीय अस्पताल में 50-60 प्रतिशत कम शुल्क पर मिलेगी। बाजार में इस तरह की सर्जरी में सामान्यत: 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक खर्च आता है। बता दें कि यह सर्जरी आयुष्मान योजना के अंतर्गत नहीं होती है।

स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आई के डाक्टरों के मुताबिक लेसिक सर्जरी में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आठ से दस मिनट की सर्जरी के बाद मरीज को चार घंटे अस्पताल में रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। आपरेशन के पहले मरीज की कुछ जरूरी जांचें जैसे टोपोग्राफी, कार्निया जांच आदि जरूरी होती है। हालांकि इस सर्जरी के बाद मरीज को कुछ दिनों के लिए जरूर ध्यान रखना पड़ता है।

जांच के बाद होती है यह सर्जरी
विशेषज्ञों के मुताबिक चश्मा हटाने की सर्जरी से पहले एक जांच की जाती है, जिसमें कार्निया की थिकनेस, शेप, मजबूती, आंखों की ड्राईनेस और रेटिना की जांच होती है। इसमें पता लगाया जाता है कि मरीज की सर्जरी की जा सकती है या नहीं। जांच के बाद ही इस तकनीक के माध्यम से सर्जरी की जाती है।

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