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Home क्राइम *भुईमाड़ के चर्चित हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 1500-1500 रू हुआ जुर्माना,*

*भुईमाड़ के चर्चित हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 1500-1500 रू हुआ जुर्माना,*

सीधी(ईन्यूज एमपी)- माननीय प्रथम अपर सत्र न्‍यायालय के तृतीय अतिरिक्‍त अपर सत्र न्‍यायाधीश सीधी द्वारा विचारण उपरांत थाना भुईमाड के अपराध क्रमांक 23/2019 म.प्र. शासन विरूद्ध राजपति उर्फ भोले गुप्‍ता वगैरह के प्रकरण में अभियुक्‍तगण राजपति उर्फ भोले गुप्‍ता, रोशनलाल गुप्‍ता, शिवम गुप्‍ता एवं शुभम गुप्‍ता सभी निवासी ग्राम भुईमाड थाना भुईमाड को भादवि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 500-500 रू अर्थदंड एवं धारा 342 में 01-01 वर्ष का कारावास एवं 1000-1000 रू अर्थदंड से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।
बताया गया कि दिनांक 15.10.19 को रात्रि करीब 7 बजे फरियादी राजेश गुप्‍ता का भाई संदीप गुप्‍ता, फूलचंद्र की दुकान के सामने खडा था। हल्‍ला गोहार होने पर उसने जाकर देखा कि उसके भाई संदीप गुप्‍ता को आरोपीगण रोशनलाल गुप्‍ता, राजपति गुप्‍ता, शिवम गुप्‍ता व शुभम गुप्‍ता अपनी मोटर सायकल में बैठाकर शिवम गुप्‍ता के घर ले गये। उनके पीछे पीछे फरियादी अपनी मोटर सायकल से गया। इसके बाद शिवम गुप्‍ता के घर का शटर खुलाकर आरोपीगण उसके भाई को अंदर कर लिये। उसके बाद संदीप को आरोपीगण आभा गुप्‍ता, रोशन गुप्‍ता, राजपति गुप्‍ता, शुभम गुप्‍ता मिलकर शटर बंद करके डंडे व चप्‍पल से मारने लगे। फरियादी ने पूछा कि क्‍यों मार रहे हो, तब रोशन बताया कि उसकी भतीजी के साथ संदीप ने बलात्‍संग किया है। वह अपने पापा को बुलाये। तब फरियादी ने अपने पापा कबीरदास गुप्‍ता को सूरज गुप्‍ता के माध्‍यम से बुलाया, उनके आने पर फरियादी ने पूरी बात बताई तब कबीरदास गुप्‍ता ने संदीप को डांटा। उसके बाद कबीरदास गुप्‍ता आरोपी रोशन से बोले कि वह क्‍या चाहता है, तब समझौते की बात हुई। उसके बाद कबीरदास बोला कि उसके लडके को छोड दो फिर अन्‍य कार्यवाही बाद में करायेंगे, रोशनलाल बोला कि संदीप को नहीं छोडेगा। उसके बाद दि. 18.10.19 को मृतक संदीप गुप्‍ता की लाश देवरी डेम के पास पाई गई। घटना की रिपोर्ट पर पुलिस थाना भुईमाड द्वारा अपराध क्र. 23/2019 अंतर्गत धारा 306, 302, 201, 342, 294,323,34 भादवि के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना पश्‍चात् अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय सीधी के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया। न्‍यायालयीन विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक श्रीमती श्रद्धा सिंह के द्वारा सशक्‍त पैरवी करते हुए अभियुक्‍तगण को दोषी प्रमाणित कराया एवं अधिकतम सजा दिये जाने की अपील की गई। परिणामस्‍वरूप न्‍यायालयीन सत्र प्रकरण क्रमांक 17/2020 में माननीय न्‍यायालय सीधी द्वारा अभियुक्‍तगण के विरूद्ध दोषसिद्धि का निर्णय पारित करते हुये आजीवन कारावास एवं प्रत्‍येक को 1500-1500 रू के अर्थदंड से दंडित किया गया।

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