भोपाल(ईन्यूज़ एमपी): मध्यप्रदेश में अफसरशाही के गलियारों में हलचल मच गई है। सिंहस्थ 2028 जैसे मेगा आयोजन की तैयारियों के बीच उज्जैन संभाग बिना स्थायी संभागायुक्त के चल रहा है और बड़वानी जिला कलेक्टर विहीन है। उज्जैन के संभागायुक्त संजय गुप्ता के रिटायर होने के बाद अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर झा प्रभार संभाल रहे हैं, जबकि बड़वानी कलेक्टर गुंचा सनोबर छुट्टियों पर रहने के चलते जिम्मेदारी जिला पंचायत सीईओ काजल जावला के पास है। हरदा, शाजापुर, श्योपुर और बुरहानपुर जैसे जिलों में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं जहां जिपं सीईओ तक नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार सितंबर की शुरुआत में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल तय है। चर्चाओं का बाजार गर्म है कि इंदौर कलेक्टर एवं प्रभारी मेला अधिकारी को उज्जैन का नया संभागायुक्त बनाया जा सकता है, वहीं बड़वानी समेत कई जिलों में नए कलेक्टरों की नियुक्ति होगी। विवादों में घिरे कलेक्टर बाहर का रास्ता देखेंगे! सरकार ने उन कलेक्टरों की हिस्ट्री खंगाल ली है, जिन पर भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने लगातार शिकंजा कसा है। 8 से ज्यादा कलेक्टर ऐसे हैं जिनके खिलाफ शिकायतों का पिटारा भरा पड़ा है। कुछ शिकायतों की क्रॉस चेकिंग भी हो चुकी है, जिसमें जनप्रतिनिधियों के आरोपों में दम पाया गया है। नॉन-परफॉर्मिंग अफसरों की लिस्ट भी तैयार: सूत्रों का दावा है कि सरकार ने ऐसे अफसरों को चिह्नित कर लिया है, जो मुख्यधारा में रहकर भी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर डिलीवर नहीं कर पाए। जनता और जनप्रतिनिधियों की उम्मीदों पर खरे न उतरने वाले इन अफसरों को अब किनारे किया जाएगा। इन जिलों के कलेक्टरों की कुर्सी डगमगाई: रीवा – प्रतिभा पाल (28 महीने से पदस्थ) धार – प्रियंक मिश्रा (33 महीने से पदस्थ) आगर मालवा – राघवेंद्र सिंह (25 महीने से पदस्थ) मुरैना – अंकित अस्थाना (33 महीने से पदस्थ) मैहर – रानी बाथड (22 महीने से पदस्थ) आलीराजपुर – डॉ. अभय अरविंद बेडेकर (25 महीने से पदस्थ) पांढुर्ना – अजय देव शर्मा (25 महीने से पदस्थ)