जिले में मलेरिया, डेंगू व चिकुनगुनिया से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग का अभियान जारी -------- जनजागरूकता, निःशुल्क जांच और उपचार से रोग नियंत्रण की दिशा में सतत प्रयास ------- जिले में वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम स्तर तक पहुंचकर आमजन को मच्छरों से होने वाली बीमारियों- मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, फाइलेरिया एवं जापानीज इनसेफेलाइटिस से बचाव, जाँच एवं उपचार की सुविधा निरंतर उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही जनजागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी श्री हरिओम सिंह ने बताया कि मच्छरों की उत्पत्ति रोकने हेतु जिले के विभिन्न अस्थायी एवं स्थायी जलाशयों में लार्वाभक्षी गम्बूशिया मछलियाँ छोड़ी जा रही हैं। जनवरी 2025 से अब तक 1,27,955 बुखार रोगियों की रक्त जांच की गई, जिनमें से केवल 29 मलेरिया पॉजिटिव पाए गए। विगत वर्षों में मलेरिया रोगियों की संख्या में निरंतर कमी दर्ज हो रही है। ग्राम स्तर पर तैनात आशा कार्यकर्ता बुखार रोगियों की रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट से निःशुल्क जांच करती हैं और मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर रोगियों को निःशुल्क पूर्ण उपचार उपलब्ध कराती हैं। इस कार्य हेतु उन्हें शासन की गाइडलाइन अनुसार प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। वर्ष 2025 में अब तक जिले में 13 डेंगू एवं 03 चिकुनगुनिया के मरीज मिले हैं। इन बीमारियों की जांच सुविधा शासकीय जिला चिकित्सालय, सीधी में एलाइजा विधि से निःशुल्क उपलब्ध है। आमजन को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर सोशल मीडिया, माइकिंग, पम्पलेट वितरण, नुक्कड़ नाटक आदि माध्यमों से अभियान चलाए जा रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि घरों के भीतर-बाहर पानी जमा न होने दें। कूलर, पानी की टंकी, ड्रम, फ्रिज की ट्रे आदि का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। आसपास गड्ढों, टायरों या टूटे सामान में पानी जमा न होने दें। जहां पानी की निकासी संभव न हो, वहां सप्ताह में एक बार मोबिआयल या जले हुए तेल का छिड़काव करें। विभागीय कर्मचारियों व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से लार्वा सर्वे एवं विनष्टीकरण कार्य किया जा रहा है। जिले के सभी विकासखण्डों एवं सीधी शहर के लिए मलेरिया तकनीकी सुपरवाइजर व निरीक्षक नियुक्त हैं, जिनसे आवश्यकता होने पर संपर्क किया जा सकता है।