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दशहरे के बाद प्रशासनिक सर्जरी तय, कलेक्टरों से लेकर सीईओ तक होगी बड़ी फेरबदल

दशहरे के बाद प्रशासनिक सर्जरी तय, कलेक्टरों से लेकर सीईओ तक होगी बड़ी फेरबदल

भोपाल।
मध्यप्रदेश में दशहरे के बाद बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन मातहतों को सुशासन, न्याय और बेहतर कानून व्यवस्था का पाठ पढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया से पहले कई कलेक्टरों और अफसरों पर गाज गिरनी तय है। जिन जिलों में प्रशासनिक मुखिया विवादों में रहे हैं या कामकाज में अव्वल प्रदर्शन नहीं दिखा पाए, वहां बदलाब निश्चित माना जा रहा है।

पहली बार कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस

मोहन सरकार में पहली बार कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस आयोजित होने जा रही है। पहले यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व प्रस्तावित थी, लेकिन नवरात्र और दशहरे के कारण टाल दी गई। अब यह कॉन्फ्रेंस त्योहारों के बाद आयोजित की जाएगी। इसमें कलेक्टर, संभागायुक्त, एसपी, पुलिस कमिश्नर, आईजी और डीआईजी शामिल होंगे। सीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में अधिकारियों को उनके कामकाज की रिपोर्ट के आधार पर फीडबैक दिया जाएगा और आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

किन जिलों को मिलेंगे नए सीईओ

राज्य के कई जिलों में जिला पंचायत सीईओ लंबे समय से नहीं हैं। फिलहाल इनका प्रभार अन्य अफसरों को दिया गया है। सूत्रों के अनुसार कटनी, डिंडौरी, अनूपपुर, ग्वालियर, श्योपुर, छतरपुर, रतलाम, सिंगरौली, मंडला, शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, हरदा, सीधी, शहडोल, सिवनी और बुरहानपुर जिलों में नए जिला पंचायत सीईओ की तैनाती की जाएगी। इसमें नए आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को मौका मिल सकता है।

अधिकारियों को मिलेगा टास्क

कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव स्पष्ट एजेंडा लेकर बैठेंगे। अलग-अलग सत्रों में अफसरों से चर्चा की जाएगी। शुरुआत जिलों की कार्यप्रणाली पर आधारित रिपोर्ट से होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि किस अफसर ने अच्छा काम किया और कहां लापरवाही सामने आई। इसके आधार पर अधिकारियों को सीख दी जाएगी और आगे के लिए टास्क सौंपे जाएंगे।

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