उमरिया: श्रीराम वन गमन पथ पर शोध, डॉ. रामअवतार शर्मा करेंगे तीन स्थलों की तलाश उमरिया। श्रीराम वन गमन पथ के शोधकर्ता डॉ. रामअवतार शर्मा एक बार फिर भगवान श्रीराम के वनगमन से जुड़े स्थलों की खोज यात्रा पर निकल पड़े हैं। इस बार उनका लक्ष्य मध्यप्रदेश के तीन स्थलों की पहचान करना है—उमरिया और अनूपपुर जिले में दो, जबकि सीधी-सिंगरौली के बीच एक स्थल की। डॉ. शर्मा अब तक श्रीराम वन गमन पथ के **290 स्थलों की खोज** कर चुके हैं। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यह शोध अब संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से स्थलों के विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। डॉ. शर्मा ‘रामायण परिपथ’ (भारत सरकार, पर्यटन मंत्रालय) के अध्यक्ष हैं और श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के प्रबंध न्यासी भी हैं। वे पूर्व में आयकर विभाग में सहायक निदेशक रहे हैं और पिछले 48 वर्षों से इस शोध में जुटे हैं। उन्होंने कई देशों में श्रीराम की यात्राओं पर शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। कहेंदुआ पहाड़ पर राक्षस वध की मान्यता डॉ. शर्मा ने बताया कि उमरिया जिले में कहेंदुआ पहाड़ की तलाश है, जो महानदी किनारे तैमूर पहाड़ से 15–20 किमी दक्षिण में और मार्कंडेय आश्रम के पास स्थित बताया जाता है। मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने इसी पहाड़ पर कहेंदुआ राक्षस का वध किया था। रूसा और तीर्थमय पहाड़ भी शोध के केंद्र इसके अलावा अनूपपुर-डिंडौरी के बीच रूसा गांव का एक स्थल और सीधी-सिंगरौली जिले में माड़ा-बैढ़न के पास स्थित ‘तीर्थमय पहाड़’ भी खोज का हिस्सा हैं। डॉ. शर्मा ने हाल ही में उमरिया जिले के सीतामढ़ी का दौरा किया और वहां स्थानीय लोगों से बातचीत की। अयोध्या में बनेगा 100 करोड़ का संग्रहालय उन्होंने बताया कि श्रीराम वन गमन पथ को सजीव रूप में प्रदर्शित करने के लिए अयोध्या में **100 करोड़ की लागत से एक भव्य संग्रहालय** बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस संग्रहालय में श्रीराम के वनगमन से जुड़े सभी प्रमुख स्थलों और घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।