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Home कालचक्र आज के ग्रह,नक्षत्र और पंचांग की जानकारी-पं. प्रभाकर शास्त्री जी से............

आज के ग्रह,नक्षत्र और पंचांग की जानकारी-पं. प्रभाकर शास्त्री जी से............

*🌹सुभाषितानि🌹यावत् स्वस्थमिदं शरीरमरुजं यावज्जरा दूरतो, यावच्चेन्द्रियशक्तिरप्रतिहता यावत् क्षयो नायुषः | आत्मश्रेयसि तावदेव विदुषा कार्यः प्रयत्नो महान्, संदीप्ते भवने हि कूपखननं प्रत्युद्यमः कीदृशः ||*

भावार्थ-- *जबतक शरीर स्वस्थ-निरोग है, जबतक जरा-वृद्धावस्था दूर है, जबतक इन्द्रियों की शक्ति क्षीण नहीं हुई है और जबतक आयु अवशेष है, तभीतक विद्वान् पुरुष को आत्मकल्याण, भगवत्प्राप्तिके लिए कठिन से कठिन प्रयत्न करके अपना काम बना लेना चाहिये, अन्यथा घर में आग लग जाने पर-पूरे भवन के प्रज्वलित हो उठने पर उसके बुझाने हेतु कुआँ खोदने के लिये प्रयत्न करने से क्या लाभ ?*
🌹 *सद् विचार🌹बुद्धि के सिवाय विचार का कोई दूसरा शस्त्र नही है, क्योंकि ज्ञान ही अन्याय को मिटा सकता है।🌹सुप्रभातम्🌹"आश्वयु कृष्णपक्षे तु श्राद्धं कार्ये दिने दिने"भावार्थ:-👉🏻आश्विन के कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन श्राद्ध करें।आज द्वितीया /तृतीया श्राद्ध दोंनों दिन 10:58 से⛅आज का पंचॉग🌹 दिनांक 08/09/ 2017🌹दिन-शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2074*
⛅ *शक संवत -1939*
⛅ *अयन - दक्षिणायण*
⛅ *ऋतु - वर्षा*
⛅ *मास - आश्विन*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि- द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र-उत्तराभाद्रपद*
⛅ *योग-गण्ड*
⛅ *राहुकाल-10:32amसे 12:2pmतक ।_*
⛅ *सूर्योदय - क06,:12am*
-⛅ *सूर्यास्त - 06,41pm*
⛅ *चन्द्रोदय-07:44🌹दिशाशूल:-पनम दिशा में🌹आवश्यक होने पर जौ खाकर यात्रा करनी चाहिए। 🌹विशेष:-आज द्वितीया एवं तृतीयाश्राद्ध,दिन 10:58 के बाद ,पौराणिक अगस्त का उदय दिन09:21am,🌹पंचक:-प्रारम्भ🌹तारा स्थिति:-गुरु,शुक्र,बुध तारा :-गुरु पूर्व दिशा में उदित।शुक्र पूर्व दिशा में उदित।बुध पूर्व दिशा में उदित।✍सर्वार्थसिद्धयोग:-दिन 01:52 से।🌹 भद्रास्थिति,:- रात्रि10:21से मृत्युलोक में🌹ग्रह स्थिति🌞सूर्य -सिहं राशि🌙 मीन राशि में,🌏भौम -सिंह राशि में,☄ बुध -सिहं राशि में,🌝गुरु- तुला राशि में,☁शुक्र-कर्क राशि में🌚शनि- वृश्चिक राशि में,🐨राहु -कर्क राशि में, 🌪केतु-मकर राशि में🌹यह पक्ष 14 दिन का है,क्योंकि11सितम्वर सोमवार को षष्ठी तिथि की क्षय हो जाने के कारण।आश्विन कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहते हैं।वर्ष भर में यह पक्ष पितरों के नाम समर्पित है जो पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण किया जाता है।यदि देव कार्य में चूक हो जाना क्षम्य हो सकता हैकिन्तु पितृपक्ष में श्राद्ध एवं तर्पण करना अनिवार्य है।पृथ्वी लोक में माता -पिता साक्षात् देवता हैं।उनकी आत्मा की शान्ती के लिये हमें उत्साह पूर्वक पर्व के रूप में मनाना चाहिए।🌹पितृपक्ष में क्रम से मध्यान्ह व्यापिनी तिथियों के अनुसार श्राद्ध ,तर्पण करने का शास्त्रमत है।👉🏻आज के विशेष मुहूर्त :-पुंसवन,सीमन्त, प्रसूति स्नान,जलयन्त्रकर्म,मुकदमादायर,उत्तर दिशा की यात्रा,जातकर्म,नामकरण,अन्नप्राशन,व्यापार,नववस्त्रधारण,वृक्षारोपण,नृत्यकला आरम्भ,शस्त्रधारण,आवेदन पत्रलेखन।
✍🏿आचार्य प्रभाकर मिश्र (शास्त्री जी)
☎9826888211,9685429985
संपर्क समय- प्रात:07:00amसेे09:00am,सायं:-07:00pmसे09:00pmतक🏠निज निवास देवीधाम (ओवरहा)बम्हनी जिला-सीधी (म०प्र०)*

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