भोपाल(ईन्यूज एमपी)- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड योजना के तहत मप्र के 6 हजार 227 व्यापारियों ने लगभग 368 करोड़ रुपए का रिफंड मांगा है। यह रिफंड अधिक भुगतान करने वाले व्यापारियों और स्पेशल ईकोनॉमिक जोन (एसईजेड) या निर्यातकों को किया जा रहा है। व्यापारियों को रिफंड करने के मामले में मप्र देश में सबसे आगे है। छह जून तक ज्यादा भुगतान करने के कारण दिए जाने वाले रिफंड के मामले में मप्र देश में पहले नंबर है, वहीं निर्यातकों को रिफंड देने के मामले में गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर है। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अधिक भुगतान के कारण रिफंड के मामलों में राज्य सरकार ने 364 व्यापारियों को 13 करोड़ 55 लाख रुपए से ज्यादा के नकद रिफंड के आदेश दिए गए हैं। वहीं 49 निर्यातकों को करीब 14 करोड़ रुपए का रिफंड दे चुकी है। 6 हजार 227 व्यापरियों द्वारा क्लेम किए गए रिफंड का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार देगी, वहीं कुछ हिस्सा मप्र सरकार देगी। केंद्र सरकार करीब 2003 व्यापारियों को 175 करोड़ रुपए का रिफंड देगी, वहीं राज्य सरकार 4224 व्यापारियों को 192 करोड़ रुपए का रिफंड देगी। ज्यादातर व्यापारियों ने मैनुअली आवेदन ही नहीं भेजा जीएसटी रिफंड योजना में एक बड़ी समस्या यह भी आ रही है कि ज्यादातर व्यापारियों ने रिफंड के लिए ऑनलाइन तो आवेदन कर दिया, लेकिन उसे मैनुअली जमा नहीं कराया। इस वजह से कई व्यापारियों को रिफंड नहीं मिल पा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक 6227 में से 1573 व्यापारियों ने ही जीएसटी रिफंड के लिए मैनुअली आवेदन जमा किया है। इसमें से 1286 आवेदन रिफंड के लिए स्वीकृत हो चुके हैं। गौरतलब है कि रिफंड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद मैनुअली भी फॉर्म जमा करना सरकार ने अनिवार्य किया है।