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51 जिलों में मतदाता जागरूकता वाहन हुए रवाना

भोपाल (ईन्यूज एमपी)- भारत निर्वाचन आयोग के उप चुनाव आयुक्तद्वय चंद्रभूषण कुमार एवं संदीप सक्सेना तथा संचालक आई.टी. वी.एन. शुक्ला ने आज यहाँ दो बैठकों में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। निर्वाचन सदन में आयोजित अधिकारियों की बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह और अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री संदीप यादव भी उपस्थित थे। इसके पहले भोपाल संभागायुक्त कार्यालय में हुई बैठक में संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत और भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ के कलेक्टर भी मौजूद थे। आयोग के अधिकारियों ने 51 जिलों में ईवीएम और वीवीपैट मशीन की प्रक्रिया की जानकारी मतदाताओं को देने के लिये ' मतदाता जागरूकता वैन'' को झण्डी दिखाकर रवाना भी किया।

निर्वाचन कार्यालय में हुई बैठक में उप चुनाव आयुक्त श्री संदीप सक्सेना ने कहा कि निर्वाचन कार्य में अधिकारियों तथा उनकी टीम द्वारा अतिरिक्त सजगता और सतर्कता बेहद जरूरी है। चुनाव को बिना किसी व्यवधान के सम्पन्न करवाना चुनौतीपूर्ण तो है लेकिन मुश्किल कतई नहीं है। यदि आयोग के निर्देशों का अक्षरश: पालन करवाया जाये तो चुनाव करवाने में कोई कठिनाई नहीं होगी। बेहतर चुनाव चालन के लिये न सिर्फ अधिकारी, बल्कि उनकी टीम ट्रेनिंग का पूरा लाभ उठाये। उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्य में संलग्न 3 साल से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण 15 जुलाई तक अनिवार्य रूप से कर लिया जाये। एआरओ और सीईओ कार्यालय के जिन पदों की पूर्ति नहीं हुई है, उन्हें भी शीघ्र किया जाये।

श्री सक्सेना ने कहा कि मतदान-केन्द्रों का युक्ति-युक्तकरण इस माह के अंत तक हो जाना चाहिये। यह ध्यान रखा जाये कि मतदान-केन्द्र भूतल पर ही स्थित हो। पूरे राज्य के लिये स्वीप प्लान बनाया जायेगा। मतदाताओं को प्रेरित करने के लिये थीम, लोगो अथवा स्लोगन भी तैयार किये जायें। निर्वाचन से जुड़े विषयों के मास्टर-ट्रेनर का सहयोग लिया जाये। चुनाव के दौरान जितने निगरानी एवं जाँच दल बने, सभी के पास मोबाइल फोन हो। आयोग के संदेश सुगम, सुविधा और समाधान को ध्यान में रखकर कार्य किये जायें। इसके लिये प्रत्येक जिले में एक एआरओ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये। सभी जिले इसी माह अपने इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान का प्रारूप तैयार करें। जिले में कंट्रोल-रूम, वल्नरेवल मेपिंग और वेब-कास्टिंग के संबंध में भी अभी से तैयारी की जाये।

चन्द्रभूषण कुमार ने बताया कि आयोग ने 200 बिन्दुओं को लेकर इलेक्शन रिस्क मैन्युअल बनाया है। इनमे से 27 से 30 ऐसे हैं, जिनको नजरअंदाज अथवा लापरवाही करने से दोबारा चुनाव की स्थिति निर्मित हो सकती है, इसलिये इसका बारीकी से अध्ययन और पालन किया जाये। उन्होंने बताया कि रिटर्निंग ऑफिसर और पीठासीन अधिकारी हैण्ड-बुक के लिये राज्यों से सुझाव माँगे गये हैं। सुझाव मिलने पर हैण्ड-बुक को अंतिम रूप दिया जायेगा।

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