भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- मध्यप्रदेश से 2014 में टाइगर स्टेट का दर्जा छिन गया था। कारण था बाघों की लगातार होती मौत। मप्र से छिना टाइगर स्टेट का दर्जा कर्नाटक को मिला था, लेकिन अब मप्र के जंगलों से खुशखबरी आ रही है। प्रदेश में चल रही बाघों की गणना के रुझान बताते हैं कि उनकी संख्या 308 से बढ़कर 400 के पार जा सकती है। इसकी वजह बताई जा रही है कि प्रदेश के उन इलाकों में भी बाघों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जहां वर्ष 2014 में एक भी बाघ नहीं था। वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने राज्य वन अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार किए गए जियोग्राफिकल मैपिंग में बाघों के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2014 में 717 बीट्स में बाघ के प्रत्यक्ष प्रमाण मिले थे, तब बाघों की संख्या प्रदेश में 308 थी। वहीं 2018 में 1432 बीट्स में बाघों ने अपनी उपस्थित दर्ज कराई है, इसलिए माना जा रहा है कि बाघों की संख्या 400 के पार भी जा सकती है। हालांकि इसके आधिकारिक आंकड़े प्रदेश में बाघों की गणना के बाद इस साल के अंत तक जारी किए जाएंगे। वाइल्ड लाइफ मुख्यालय द्वारा जारी किए रुझान में बताया गया है कि बाघ ऐसे इलाकों में दिखाई दिए हैं जहां कभी उनकी उपस्थिति हुआ ही नहीं करती थी। इसमें देवास, ग्वालियर, बालाघाट सहित अन्य क्षेत्र हैं, जहां बाघ देखे जा रहे हैं। हालांकि विभाग इसे केवल रुझान ही बता रहा है।