ग्वालियर(ईन्यूज़ एमपी)- हाईकोर्ट की युगल पीठ ने मंगलवार को एएसआई (आर्किलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया) को ऐतिहासिक इमारतों के आसपास की जमीन हैंडओवर नहीं किए जाने को लेकर कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि 12 दिसंबर 2012 के आदेश का प्रशासन खुद पालन कर ले, नहीं कोर्ट को आता है। कलेक्टर ने कहा कि 9 अक्टूबर से पहले जमीन हस्तांतरित कर देंगे। गत दिवस एएसआई ने सुनवाई में कहा कि कोर्ट के आदेश के पालन में अबतक जमीन नहीं मिली है। 30 हेक्टेयर जमीन की मांग शासन से की थी, लेकिन 4 हेक्टेयर दी है। कोर्ट ने दूसरे दिन कलेक्टर को तलब कर लिया था। माता प्रसाद ने हाईकोर्ट में ऐतिहासिक इमारतों (किला तलहटी) के 300 मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण को लेकर वर्ष 2012 में जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर 2012 को प्रतिबंधित क्षेत्र 100 मीटर में हुए अवैध निर्माण को तोड़कर जमीन एएसआई को हैंडओवर करने का आदेश दिया है। जमीन हस्तांरण के आदेश का पालन नहीं हो पा रहा है, जिसको लेकर गत दिवस एएसआई की ओर से असिस्टेंड सॉलिसीटर जनरल विवेक खेड़कर ने कोर्ट को बताया कि अभी तक जमीन नहीं दी गई है। 30 हेक्टेयर जमीन ऐतिहासिक इमारतों के आसपास है, लेकिन 4 हेक्टयर कागजों में देना बताया गया है, लेकिन कब्जा नहीं मिला है। इसको लेकर कोर्ट ने मंगलवार को कलेक्टर को तलब कर लिया और कोर्ट ने कलेक्टर से सवाल किया कि 12 दिसंबर 2012 का आदेश पढ़ा है। उसमें क्या लिखा है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि एएसआई को जमीन दी जाए, अब तक क्यों नहीं दी गई। अगर प्रशासन आदेश का पालन नहीं करता है तो चीफ सेक्रेटरी को बुला सकते हैं। कोर्ट की नाराजगी को देखते हुए कलेक्टर ने 9 अक्टूबर तक जमीन हैंडओवर करने का भरोसा दिया।