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ब्लैकमेल कर बलात्संग करने वाले आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की निरस्त.....

अनूपपुर ( ईन्यूज एमपी)अभियोजन। न्यायालय द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश रविन्द्र कुमार शर्मा की न्यायालय ने आरोपी मो.शकीलुद्दीन पिता सिराजुद्दीन उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम सोहरवना जिला महाराजगंज की जमानत याचिका निरस्त की गई। मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कोतमा श्री राजगौरव तिवारी के हवाले से बताया की मामला केातमा के अ.क्र.304/20 धारा 376,376(2)एन,384,354ग,506 भादवि से संबंधित है। मुख्य आरोपी मो.शकीलुद्दीन के द्वारा चाय में नशीली पदार्थ मिलाकर पीडिता के साथ शारीरिक संबंध बनाया गया, जिसके करीब 12 दिन बाद आरोपी के द्वारा बनाये गए अश्लील फोटो अश्लील विडियो, जिसमें आरोपी के द्वारा पीडिता के साथ अश्लीाल कृत्यप करते दिखाया जा रहा था, पीडिता के मोबाईल में भेजकर, पीडिता को ब्लैकमेल कर बार-बार शारीरिक शोषण बार करने लगा साथ ही धमकी देकर जबरन पैसे मांगने लगा बदनामी के डर में पीडिता के द्वारा आरोपी को पैसे भी दिया गया, ऐसे ही आरोपी के द्वारा पीडिता के अश्लील विडियो को वायरल करने की बात करने लगा, जिससे पीडिता परेशान होकर, हिम्मत कर अपने शौहर से बतायी तब शौहर के द्वारा आरोपी को फोटो एवं विडियों डीलिट करने को कहा तो आरोपी के द्वारा 5 लाख रू मांग करने लगा जिससे परेशान होकर पीडिता के द्वारा थाना कोतमा में रिपोर्ट दर्ज कराया गया। उक्तानुसार अपराध को दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया। आरोपी ने यह लिया था आधार:- आवेदक द्वारा जमानत आवेदन में आवेदक को झूठा फंसाया गया है आवेदक की चल एवं अचल संपत्ती अनवरगंज थाना जिला कानपुर (उ.प्र.) में उसे भागने एवं फरार होने की संभावना नही है उक्त अपराध के निराकरण में काफी समय लगने की पूर्ण संभावना है इसलिए जमानत का लाभ दिया जाए। अभियोजन ने इस आधार पर किया था विरोधः- उक्त आवेदन पत्र अपर लोक अभियोजक श्री शैलेन्द्र सिंह द्वारा जमानत आवेदन का इस आधार पर विरोध किया गया कि अभियोक्त्री के आपत्तिजनक स्थिति में तस्वीर और वीडियो बनाकर उएसे ब्लैकमेल कर उससे रूपयें लेने तथा उसके साथ बार-बार बलात्कार करने और धमकी देने के गंभीर अपराधों में प्रकरण पंजीबंद्ध किया गया है, महिलाओं के विरूद्ध बढ रहे अपराधों को देखते हुए आवेदक को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं हैं, उभयपक्षों के तर्को को सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 439 द.प्र.स. निरस्त कर दिया। न्यायिक दण्डाधिकारी ने भी पूर्व में किया था धारा 437द.प्र.स. का आवेदन निरस्तः- इसी मामले में आरोपी द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी श्रीमती सिखा दुबे के न्यायालय में भी अंतर्गत धारा 437द.प्र.स. के अंर्तगत जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें अभियोजन अधिकारी श्री राजगौरव तिवारी द्वारा न्यायालय के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की थी उक्त आवेदन को माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था ।

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