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दिल्ली लौटने के सवाल पर बोले कमलनाथ- मध्यप्रदेश से हिलूंगा तक.....?

भोपाल (ईन्यूज़ एमपी)मध्यप्रदेश में बीते दिनों उपचुनाव में कांग्रेस को महज 9 सीटें मिलने के सवाल पर कमलनाथ बोले- यह एक विचित्र उपचुनाव था। हम इसकी जांच करा रहे हैं। जिलों से रिपोर्ट मांगी है।
उपचुनाव में सिर्फ 9 सीटें मिलने पर मध्य प्रदेश की राजनीति छोड़कर दिल्ली जाने के BJP नेताओं के बयान पर कमलनाथ ने कहा- मैं मध्य प्रदेश से हिलूंगा तक नहीं। राजनीति से संन्यास लेने की बात को भी उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में भविष्य के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि वे (सिंधिया) BJP को कितना सेटिस्फाई कर पाते हैं, इस पर निर्भर करेगा, क्योंकि सिंधिया सेटिस्फेक्शन की राजनीति करते हैं।सवाल - क्या आप दिल्ली जाने की तैयारी में हैं? छिंदवाड़ा में आपने कहा था कि जनता कहेगी, तो मैं संन्यास ले लूंगा। इसका क्या मतलब है?कमलनाथ- मैंने ऐसा नहीं कहा था। मैंने कहा था- यह संघर्ष का समय है। सबको संघर्ष में लगे रहना है। यदि आप (कार्यकर्ता) आराम करेंगे, तो मैं भी आराम करुंगा। सवाल दिल्ली जाने का है, तो बता दूं कि मैं मध्य प्रदेश से हिलूंगा तक नहीं। फिलहाल आपके पास दोहरी जिम्मेदारी हैl प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष। आगे कौन सी जिम्मेदारी छोड़ेंगे?कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तय करेंगी। मेरी किसी भी पद की लालसा नहीं है। मैंने तो अध्यक्ष पद के लिए भी एप्लाई नहीं किया था। (मुस्कुराते हुए) मैं एप्लीकेंट (आवेदक) नहीं था। मुझे कहा गया था कि यह जिम्मेदारी उठानी होगी, जिसे मैंने स्वीकार किया। अब सवाल नेता प्रतिपक्ष का है, तो मैंने विधायकों से कहा है कि आप आपस में सहमति बनाकर तय कर लीजिए।

विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित हो गया? आपको लगता है इसका कारण सिर्फ कोरोना है? सरकार लोगों का दुख-दर्द सुनना नहीं चाहती है। विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता के मुद्दे उठाए। सरकार के पास न जवाब है और न ही हिसाब देने के लिए कोई तथ्य है। यह बात सच है कि कोराेना संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है। सर्वदलीय बैठक में मुझसे पूछा था- आप जिम्मेदारी लेंगे? मैने कहा- हम कैसे जिम्मेदारी ले सकते हैं। हाउस (सदन) की जिम्मेदारी अध्यक्ष और सरकार की है। जब वे जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं, तो हम कैसे ले सकते हैं? इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा सत्र चलाने की नहीं थी।BJP का कहना है कि उपाध्यक्ष का पद भी वही रखेगी? उन्होंने आप पर विधानसभा की परंपरा को तोड़ने का आरोप लगाया है?हमने नहीं, बल्कि BJP ने इस परंपरा को तोड़ा है। अध्यक्ष हमेशा सरकार का होता है। BJP ने तब अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार क्यों खड़ा किया था? पहले उन्होंने तोड़ा, मैंने नहीं। मैंने उनसे कहा था कि अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार क्यों खड़ा कर रहे हैं। अध्यक्ष का चुनाव कराकर उन्होंने पहले परंपरा को तोड़ा था। इसके बाद हमने उपाध्यक्ष का चुनाव कराने का फैसला लिया था।

उपचुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते ऐसा हुआ?कमलनाथ : यह एक विचित्र उपचुनाव था। हम इसकी जांच कर रहे हैं। जिन जिलों में चुनाव हुए, वहां से रिपोर्ट बुलाई जा रही है। हम उनके (BJP) धनबल का मुकाबला नहीं कर पाए। उन्होंने लोगों को खरीदने और तोड़ने में पैसा लगाया। यह राजनीति में स्थायी नहीं है सिंधिया जी को BJP कितना संतुष्ट कर पाएगी, उस पर उनका भविष्य निर्भर करेगा। उन्हें सेटिस्फेक्शन की राजनीति चाहिए। मैं जो चाहता हूं, वह मिले। यदि BJP उन्हें यह दे पाई, तो उनका भविष्य है और अगर नहीं दे पाई तो दोनों (सिंधिया और BJP) का भविष्य नहीं है।सवाल - उपचुनाव में आपने तीन-तीन सर्वे कराए थे। अब नगर निगम चुनाव के लिए कोई फार्मूला? सर्वे अंतिम नहीं होता है, बल्कि इनपुट होता है। एक राय होती है। नगर निगम के चुनाव में आम राय बनाने की कोशिश है। सर्वसहमति कभी होती नहीं, लेकिन जहां हो जाएगी, वहां टिकट देंगे।

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