भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): राजधानी भोपाल का ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज अब सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही और इंजीनियरिंग की भयानक चूक का प्रतीक बन चुका है। 90 डिग्री के खतरनाक मोड़ वाला यह ब्रिज सोशल मीडिया पर मज़ाक का कारण बना, लेकिन सरकार ने इसे बेहद गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले में सख्त संज्ञान लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें दो मुख्य अभियंता (सीई) जी.पी. वर्मा और संजय खांडे, दो कार्यपालन यंत्री जावेद शकील और शबाना रज्जाक, एक सहायक यंत्री शानुल सक्सेना, अनुभागीय अधिकारी रवि शुक्ला और उपयंत्री उमाशंकर मिश्रा शामिल हैं। इसके अलावा सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री एम.पी. सिंह के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। जांच में स्पष्ट हुआ कि ब्रिज का डिज़ाइन त्रुटिपूर्ण और यातायात के लिए असुरक्षित है। इस आधार पर सरकार ने निर्माण एजेंसी और डिज़ाइन कंसल्टेंट दोनों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जब तक ब्रिज की डिज़ाइन और संरचना सुरक्षित नहीं बनती, तब तक इसे जनता के लिए चालू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। यह मामला अब केवल एक इंजीनियरिंग गलती नहीं, बल्कि प्रशासनिक चेतना और जवाबदेही का इम्तिहान बन चुका है।