(ईन्यूज़ एमपी) भोपाल - मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लोकसेवा आयोग में हुई कथित गड़बड़ियों के चलते प्रारम्भिक परीक्षाओं के परिणामों पर रोक लगा दी है. बुधवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत राज्य लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किए हैं. अब मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को होगी.दरअसल, इस मामले में गड़बड़ी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. आरोप है कि 18 फरवरी को हुई प्रारंभिकपरीक्षा में कई गड़बड़ियां हुईं थीं. इसके बाद आयोग की वेबसाइट पर भी मॉडल आंसर शीट में गड़बड़ी सामने आई थी. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आरोप लगाया था कि राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा 18 फरवरी को परीक्षा ली गई थी। इस पेपर में पांच ऐसे सवाल थे जिनके मॉडल उत्तरों में एक भी सही विकल्प नहीं दिया गया था। जो सही उत्तर बता सके। ऐसे में छात्र चाहकर भी उसे हल नहीं कर सके और उन्हें छोड़ दिया गया। उन सवालों को हल न करने से उनके नंबर अभ्यार्थियों को नहीं मिले। जिससे कुछ छात्रों को उचित नंबर नहीं मिल पाए और उनका चयन नहीं हो सका। मामले की सुनवाई जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बैंच ने की। जिसके बाद कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ताओं की ओर से लगाए गए आरोप सही हैं। ऐसे में बुधवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने एमपीपीएससी के परीक्षा परिणामों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सरकार व एमपीपीएससी से जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल 2018 को रखी गई है। याचिकाकर्ताओं का पक्ष एडवोकेट प्रियंकुश जैन ने रखा। इसको लेकर पूरे प्रदेश भर में छात्र विरोध कर रहे थे. राजधानी भोपाल सहित इंदौर में लोक सेवा आयोग के सामने छात्र धरने पर बैठे थे.जिसमेंबेरोजगारसेनाकेअनेकसाथीभीशामिलहुए थे,उनकी मांगें थी कि प्रारंभिक परीक्षा को निरस्त की जाए। बेरोज़गार सेना के फाउंडर मेंबर राज प्रकाश मिश्रनेकहाहैकियहसिर्फइसपरीक्षाकीबातनहींहै,पिछलेकईवर्षोंसेऐसाहोरहाहै,इसलिए हालिया घटनाक्रमकेअलावा पिछलीगड़बड़ियोंकीजांचकेलिएभीSITकागठनकरजांचकी जानीचाहिए।उन्होंनेकहाकियुवाओंकेअधिकारकीहरलड़ाईमें बेरोजगारसेनाउनकेसाथहै।