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एमपी में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका:जानिए क्या है अस्पतालों की तैयारी....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)अप्रैल में जब कोरोना की दूसरी लहर ने राजधानी में पैर पसारे, तो सरकार की उसे नियंत्रित करने में सांसें फूल गईं... संक्रमण जैसे-जैसे बढ़ा, सरकार की तैयारियों की पोल खुलती गई... नतीजा, बड़ी संख्या में लोग संक्रमण की चपेट में आए... मध्य प्रदेश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट के 8 नए मामले भी सामने आ चुके हैं... केन्द्र सरकार और विभिन्न एजेंसियों संभावित तीसरी लहर को लेकर लगातार राज्य सरकारों अलर्ट जारी कर मुस्तैद रहने को कह रही है... राजधानी में तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर हमीदिया, जेपी और एम्स की हकीकत जानी।
हकीकत -1- हमीदिया अस्पताल
हमीदिया अस्पताल में कोरोना के दूसरी लहर में 680 बेड को बढ़ाकर 1 हजार करने की तैयारी है। यहां 320 बेड बढ़ाए जा रहे हैं। इसमें 80 बेड नए पीडियाट्रिक वार्ड के है। इसमें 30 ऑक्सीजन बेड, 0 से 30 दिन के बच्चों के लिए 20 एनआईसीयू और 13 साल तक के बच्चों के लिए 30 पीआईसीयू तैयार किए जा रहे हैं। 50 ऑक्सीजन बेड शामिल हैं। यहां अभी सिविल वर्क ही चल रहा है। यह अब पूरा होने वाला है। पैनल और ऑक्सीजन लाइन का काम हाल में पूरा हुआ है। वेंटिलेटर और उपकरण खरीदी की प्रक्रिया अभी चल रही है।

हकीकत-2- जेपी अस्पताल
जेपी अस्पताल में बच्चों के लिए 6 बेड का आईसीयू और 19 बेड का ऑक्सीजन बेड का वार्ड तैयार हो रहा है। यहां अभी आईसीयू में सिविल वर्क ही चल रहा है। वहीं, 19 आक्सीजन बेड के लिए पुराने प्रसूति वार्ड में बेड रखे दिए है। उपकरण और अन्य सामान खरीदी की प्रक्रिया अभी जारी है। यहां दो ऑक्सीजन जनरेशन के प्लांट भी बन रहे है, जिनका काम प्रारंभिक लेवल में ही है।
हकीकत-3- एम्स
एम्स में दूसरी लहर की शुरुआत से पहले 920 बेड में से 500 बेड कोरोना के लिए डेडिकेट किए गए थे। 24 अप्रैल को अस्पताल में कोरोना के बेड भरने से फुल होने का बोर्ड लगाना तक पड़ा था। अब दूसरी लहर के बाद यहां बेड बढ़ाने के बजाए अस्पताल में डेडिकेट बेड की संख्या को भी कम कर दिया गया। यहां कोरोना के 200 बेड है। इसमें 100 सामान्य और 100 आईसीयू बेड हैं।
मुख्य काम पूरा हो चुका है
“ पीडियाट्रिक वार्ड में पैनल लग गए हैं। ऑक्सीजन लाइन के कनेक्शन भी हो चुके हैं। मुख्य काम हो गया है। वेंटिलेटर समेत अन्य उपकरण की खरीदी की प्रक्रिया चल रही है। - डॉ. जितेन्द्र शुक्ला, डीन, गांधी मेडिकल कॉलेज
छोटा-मोटा काम ही बचा है
“ हमारे यहां पर पीडियाट्रिक वार्ड का करीब करीब काम पूरा हो गया है। कुछ छोटा मोटा काम ही बचा है। जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। ”
- डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल
केस बढ़ेंगे तो बेड बढ़ाएंगे
“ हमारे यहां पर करीब 50 कोरोना के मरीज ही भर्ती है। कोरोना मरीजों की संख्या कम होने से अभी डेडिकेट बेड कम कर दिए है। संभावित तीसरी लहर यदि आती है तो उसके अनुसार निर्णय लेंगे। बेडों की संख्या को कोरोना मरीजों के लिए बढ़ाया जाएगा। ”

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