सीधी (ईन्यूज़ एमपी): जिला पंचायत सीधी के उच्च अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायतों में बीते शनिवार को किए गए औचक निरीक्षण पर अब सवाल उठने लगे हैं। गिजवार, जोड़ोरी, मझिगवां और अमहिया पंचायतों में पीएम आवास, मनरेगा, स्वच्छता और पेंशन जैसी योजनाओं की समीक्षा तो की गई— लेकिन क्या यह सब सिर्फ एक "औपचारिकता" थी या वाकई गड़बड़ियों पर कार्रवाई होगी? कागज़ों पर चल रही योजनाएं, ज़मीनी सच्चाई छिपी: स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि हर बार इसी तरह निरीक्षण तो होते हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहता है। निर्माण स्थल पर सूचना बोर्ड नहीं, अधूरे निर्माण, मजदूरी भुगतान में देरी, और रजिस्टरों में भारी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं, लेकिन अधिकारियों की "फील्ड विज़िट" महज़ फोटोशूट बनकर रह जाती हैं। क्या स्कूलों की हालत सुधरेगी या फिर वही ढाक के तीन पात? निरीक्षण के दौरान स्कूलों की दयनीय स्थिति उजागर हुई। एक ही कमरे में कई कक्षाएं, बिजली की व्यवस्था नदारद और छात्राओं के लिए शौचालय तक नहीं। सवाल उठता है कि क्या इसके बाद सुधार होगा या फाइलें फिर टेबल के नीचे दबा दी जाएंगी? निरीक्षण दल ने ई-केवाईसी, समग्र सीडिंग, "एक बगिया माँ के नाम" जैसी योजनाओं पर निर्देश दिए, लेकिन क्या इन योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर होगा? या फिर यह भी कागजों तक सीमित रहेगा?