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उपचुनाव के लिए कांग्रेस के चारों उम्मीदवार घोषित....

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पार्टी ने खंडवा लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह के करीबी राजनारायण सिंह पुरनी पर दांव लगाया है। वहीं, रैगांव विधानसभा सीट पर कल्पना वर्मा, जोबट सीट पर महेश पटेल और पृथ्वीपुर पर पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। चारों उम्मीदवारों के बारे जानिए...

खंडवा : 70 साल के राज नारायण को तीसरी बार मिला टिकट
70 साल के राजनारायण मांधाता विधानसभा से तीन बार के विधायक रहे हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की सरकार में विधायक थे। 2020 के मांधाता उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके बेटे उत्तमपाल सिंह को टिकट दिया था। जो भाजपा के नारायण पटेल के सामने 21 हजार वोटों से हार गए थे। खंडवा में बीते तीन लोकसभा चुनावों में अरुण यादव उम्मीदवारी करते आए हैं। 2004 में अमिताभ मंडलोई (ब्राह्मण) को यहां से टिकट दिया गया था।

रैंगाव : दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं कल्पना
वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य कल्पना दो विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन वे हार गई थीं। अब तीसरी बार पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। बताया जाता है कि कल्पना वर्मा पूर्व मंत्री अजय सिंह राहुल की करीबी हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें कमलनाथ के खेमे का माना जाने लगा है। सर्वे रिपोर्ट में कल्पना का नाम ही सबसे ऊपर था।

जिला पंचायत सतना के वार्ड नंबर 2 से जिला पंचायत सदस्य कल्पना वर्मा 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की उम्मीदवार रही हैं। उस बार वे भाजपा के जुगुल किशोर बागरी से लगभग 18 हजार मतों के अंतर से पराजित हुई थी। ढाई दशक में यह पहला मौका था, जब रैगांव में कांग्रेस दूसरे नंबर तक पहुंची थी। कल्पना को 48,489 वोट मिले थे, जबकि बसपा की उषा चौधरी को 16677 मत मिले थे। पिछली बार अजय सिंह राहुल ने कल्पना के पक्ष में जबरदस्त कैम्पेनिंग की थी।

जोबट : दिग्विजय के करीबी माने जाते हैं महेश पटेल
महेश पटेल अलीराजपुर के कार्यकारी जिला अध्यक्ष हैं। महेश के भाई मुकेश पटेल अलीराजपुर से विधायक हैं। इस सीट से पूर्व विधायक सुलोचना रावत प्रबल दावेदार थीं, लेकिन उनके पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद महेश पटेल ही टिकट के एक मात्र दावेदार बचे थे। महेश का परिवार भी राजनीतिक तौर पर दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है। कांग्रेस ने पृथ्वीपुर से नितेंद्र सिंह राठौर को पहले ही उम्मीदवार घोषित कर दिया था। नितेंद्र पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के पुत्र हैं। बृजेंद्र सिंह का कोरोना से निधन होने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी।

महेश पटेल अलीराजपुर के दबंग और दिग्गज कांग्रेसी नेता माने जाते हैं। महेश पटेल के पिता अवस्था पटेल भी कांग्रेस के विधायक रहे हैं। इसके पहले 2013 में महेश अलीराजपुर सीट विधायक का चुनाव लड़े भी थे, लेकिन बीजेपी के नागर सिंह चौहान से चुनाव हार गए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महेश पटेल के बजाय उनके भाई मुकेश पटेल को टिकट दिया।

जोबट से सुलोचना रावत और विशाल रावत के बीजेपी में जाने के बाद महेश पटेल की राह आसान हो गई। जोबट सीट रावत परिवार की परंपरागत सीट रही है, लेकिन 2018 में टिकट ना मिलने पर सुलोचना रावत के बेटे विशाल रावत ने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसी वजह से पार्टी का बड़ा खेमा कई नेता और कार्यकर्ता सुलोचना रावत को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे।

पृथ्वीपुर : पूर्व मंत्री के बेटे को चुना
विधानसभा सीट पृथ्वीपुर पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। नितेंद्र होटल कारोबारी भी हैं। पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के कोरोना से निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। बृजेन्द्र सिंह 5 बार इसी क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। नितेंद्र सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से और फिर केंद्रीय विद्यालय भोपाल से हायर सेकेंडरी की है। इसके बाद पूसा इंस्टीट्यूट से डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट किया है। ओरछा में एक होटल का संचालन करते हैं।

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