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नर्मदा तटीय क्षेत्र में भ्रमण कर एक वर्ष में हुए कार्यों का ब्यौरा लेंगे सीएम शिवराज

भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान चिन्हित कार्यों की जमीनी हकीकत स्वयं देखेंगे। प्रगति का रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष रखेंगे। श्री चौहान आज मंत्रालय में नर्मदा सेवा मिशन की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में म.प्र. जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पाण्डे, राघवेन्द्र गौतम, मिशन से संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों ने मिशन अंतर्गत किये गये विभागीय कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिशन अंतर्गत कार्यों की प्रति माह मानीटरिंग की जाएगी। नर्मदा सेवा यात्रा के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर नर्मदा तटीय क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे। कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। आमजन को सम्मेलनों का आयोजन कर अब तक पूर्ण और निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी देंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हों। कार्यों की नियमित मानीटरिंग की जाये। कार्यों का भौतिक सत्यापन प्रभावी हो। पूर्ण एवं प्रगतिरत निर्माण कार्यों की फोटो प्राप्त कर कार्य का आकलन किया जाये। यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित हो कि नर्मदा में गंदा पानी नहीं मिलने पाये। उन्होंने पौधों की जीवितता की निरंतर निगरानी करने के लिए कहा। बैठक में श्री चौहान ने विभागवार और 16 जिलों के लक्ष्यों और प्रगति की जानकारी प्राप्त की। जनअभियान परिषद को निर्देशित किया कि नर्मदा सेवा मिशन सेवा समितियों का सम्मेलन आयोजित करें। कृषि विभाग को मिशन अंतर्गत रोडमैप के आधार पर प्रति माह प्रगति विवरण देने के निर्देश दिए।

बैठक में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा बताया गया कि तटीय क्षेत्र में कचरा एकत्रण की 123 पेटियाँ स्थापित हो गई हैं। घाटों पर 119 चेंजिंग रूम बन गये हैं। प्रतिमा और ताजिये विसर्जन के लिये पृथक से 28 कुंडों का निर्माण कराया गया है। तटीय स्थल पर 19 मुक्तिधाम स्थापित किये गये हैं। मिशन अंतर्गत 44 नगरीय निकायों को इन्टीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के 9 क्लस्टर बनाकर कार्रवाई की जा रही है। प्रत्येक नगरीय निकाय को दो मोबाइल टायलेट भी उपलब्ध करवाए हैं। सार्वजनिक शौचालय सवा चार करोड़ रूपये अधिक व्यय कर बनवाये जा रहे हैं। कुल 20 नगरों के लिए 21 सीवेज परियोजनाएँ बनी हैं। कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि कृषि कचरे को खाद में बदलने के 4640 नाडेप, वर्मीकम्पोट की 19 हजार 400 इकाईयाँ स्थापित की गई हैं। बायोगैस की 351 यूनिट भी लगाई जा रही हैं। नर्मदा तटीय इलाके में 21 हजार से अधिक खेतों में मेड़ बंधान कार्य पूर्ण हो गया है। अभी 2634 कार्य प्रगतिरत है। भूमि की जाँच के लिए 15 लाख 12 हजार से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये हैं। जैविक गाँव प्रमाणीकरण कार्य चरणबद्ध ढंग से लक्ष्य अनुसार हो रहा है।

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