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आज शाम तक हो सकती है मोदी कैबिनेट में फेरबदल, 25 मंत्रियों को शामिल किये जाने की है चर्चा.....

दिल्ली (ईन्यूज एमपी)- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम पीएम मोदी की कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा और नये सांसदों को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार शाम 6 बजे होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में करीब 25 नए मंत्री बन सकते हैं। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक ये देश की सबसे युवा और सबसे ज्यादा शैक्षणिक योग्यता वाली टीम होगी। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी आलाकमान ने प्रतिनिधित्व के मामले में सभी सहयोगी दलों, राज्यों, समुदायों और महिलाओं का ध्यान रखा जाएगा। कैबिनेट में जिन लोगों के शामिल होने की चर्चा है, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, पशुपति पारस, आरसीपी सिंह, नारायण राणे और वरुण गांधी अहम हैं। आगामी मॉनसून सत्र को ध्यान में रखते हुए इनमें से ज्यादातर सांसद पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।


किनको मिल सकती है कैबिनेट में जगह?

दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा करते हुए दिखे। इन्हें मंत्री बनाया जाना लगभग तय माना जा रहा है।


असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने चुनाव में जीत के बाद भी हेमंत बिस्वा सरमा के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। उन्हें मंत्रीपद मिलने की पूरी संभावना है।
बिहार से LJP सांसद पशुपति पारस को कुर्ता खरीदते हुए देखा गया। सूत्रों के मुताबिक उनके पास गृहमंत्री अमित शाह की ओर से फोन आया था, और दिल्ली बुलाया गया।
जेडीयू ने 2 प्लस 1 का फॉर्मूला निकाला है। जिसके तहत ललन सिंह और रामचंद्र प्रसाद सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा पा सकते हैं। वहीं जेडीयू को एक राज्यमंत्री का पद भी मिल सकता है।


केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है। उनकी जगह किसी ऐसे शख्स को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए ‘अपना दल’ की अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
क्यों जरुरी था मंत्रिमंडल का विस्तार?

साल 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में कोई विस्तार नहीं किया है। शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के एनडीए से बाहर होने और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद मंत्रिमंडल में कई पद खाली हैं। इसके अलावा कई मंत्रियों के कामकाज से भी प्रधानमंत्री संतुष्ट नहीं हैं। पिछले कुछ महीनों ने उन्होंने लगातार सभी मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया। ऐसे में माना जा रहा है कि कई विभागों में बदलाव किये जा सकते हैं। साथ ही नए मंत्रियों को शामिल कर अतिरिक्त प्रभार के बोझ को कम करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा आगामी राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए पार्टी के असंंतुष्ट नेताओं और एनडीए गठबंधन के सदस्यों को मोदी कैबिनेट में शामिल करना जरुरी हो गया था।

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