सीधी (ईन्यूज एमपी)-प्रदेश भर में कांग्रेस संगठन परिवर्तन की हवा पिछले दो साल से चल रही है, पर तमाम राजनीतिक परिस्थितियों के कारण फिर कुछ प्राकृतिक आपात स्थिति के कारण सब स्थगित होता रहा, पर अब जानकारों की माने तो सब कुछ अंतिम स्थिति में औपचारिकताएं पहुच चुकी है, कई जिलों के अध्यक्ष की घोषणा भी हो चुकी है, ऐसे में सीधी जिले के भी अध्यक्ष का परिवर्तन बहुप्रतीक्षित है, जो होना भी सुनिश्चित है । सीधी में कई अध्यक्ष पद के दावेदारों ने अपने कुर्ते सिलवाकर रखे है, उनको उम्मीद है कि इस बार उन्ही को यह ताज मिल सकता है, नेताओ से मिलकर अपने कार्यशैली और क्षमता का भरोसा भी दिला चुके है कि अवसर मिलने पर सबसे बेहतर करेंगे। कुछ दबे छुपे जिले के नेताओ के अलावा प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी तक भी अपना रंगाचंगा बायोडाटा भी पहुंचा कर अपनी श्रेष्ठ दावेदारी पेश कर चुके है।और करना भी लाजिमी है । दावेदारों में कुछ पुराने नेता भी है जो रिटायरमेंटी के कगार पर है पर इस उम्मीद में भी है कि आखिरी पारी में अगर मौका मिल गया तो अपनी विशिष्टता, अपनी कर्मठता का लोहा मनवा लेंगे। पर दूसरी तरफ भाजपा ने एकदम नए चेहरों की विसात बिछाकर जिले में एक नई राजनीति का आगाज कर दिया है, ऐसे में कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओ में अब आक्रामता देखी जा रही है कि चालीस साल से जिन चेहरों की अगुआई करते आरहे है अब नही चलेगा, अब किसी युवा को जिम्मेवारी मिले और उसकी पूरी केबिनेट भी नए लोंगो की हो, ऐसा पहले नही हो सका जिसका खामियाजा आज पार्टी भुगत रही है, कि कार्यकर्ताओ का अकाल पड़ गया है, नए लोग आते तो है पर उनको संघर्ष का सम्मान नही मिलता जिस कारण वो कड़वी याद लेकर पीछे हो जाते है। व्हीआईपी कल्चर प्रचलित है, एकदम उससे अलग हो। अब चयनकर्ताओं को देखना है कि ये सब पात्रता किस पर देखते है। खैर इस बार दावेदारी में प्रबल चर्चा युवाओं की है जिसमे कई नाम खास है, लेकिन उनमें भी कोई इकलौता नाम स्पष्ट नहीं हो पा रहा, लेकिन जिन नेताओ की चर्चा है उनकी शहर में अलग अलग टोली बैठक जरूर जमी रहती दिखती है, दावेदारों के समर्थक उनको बराबर हौसला अफजाई करते सुनाई देते हैं, कि हर समीकरण में उनका ही नाम फिट है, खैर जो कुछ भी हो सीधी के जिलाध्यक्ष का निर्णय तो सीधी के नेता द्वय ही करेंगे, जिनको हर दावेदार के कुर्ते की चमक के दम की खूब थाह है। शायद मन ही मन उनका चयन बहुत पहले से हो भी चुका होगा। अब बेसब्री से प्रतीक्षा है परिणाम के घोषणा की, क्योंकि इस बार का अध्यक्ष के दौर में नए राजनीतिक परिवर्तन के आयाम देखने को जरूर मिलेंगे, जो सीधी की आवश्यकता भी कहती है, और वो पार्टी हित ही नही जन हितैसी भी होगी। क्योंकि समस्याएं बहुत है विपक्ष का संगठन जिले में मूक हो गया है।