सीधी(ईन्यूज़ एमपी): मनरेगा उपयंत्रियों की 8 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में बग़ावत तेज़ हो गई है। लगातार दस दिन के सामूहिक अवकाश के बाद अब उपयंत्रियों ने अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल छेड़ दी है। सोमवार को सीधी जिले के उपयंत्रियों ने एसडीएम राकेश शुक्ला को ज्ञापन थमाते हुए साफ चेतावनी दी कि जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। अभियंता संघ का कहना है कि वर्षों से शासन-प्रशासन के सामने मांगें रखी जा रही हैं, लेकिन नतीजा सिर्फ आश्वासन रहा। संघ ने साफ कहा – "अब सब्र की सीमा टूट चुकी है, ठोस समाधान मिलने तक आंदोलन रुकेगा नहीं।" ज्ञापन में उपयंत्रियों ने यह भी लिखा है कि मनरेगा योजनाएं पूरी तरह तकनीकी आधार पर चलती हैं। ऐसे में आंदोलन लंबा खिंचने पर जिले और प्रदेश के निर्माण कार्य, विकास योजनाएं और मजदूरों को समय पर भुगतान जैसी प्रक्रियाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी। उपयंत्रियों की प्रमुख मांगों में संविदा पारिश्रमिक को नियुक्ति दिनांक से नियमित उपयंत्रियों के वेतनमान के बराबर करना और वार्षिक वेतनवृद्धि देना, मृत्यु पर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति, पद से पृथक करने की जगह निलंबन की व्यवस्था, आरईएस और मनरेगा उपयंत्रियों की संयुक्त वरिष्ठता सूची से सहायक यंत्री का प्रभार, नियमित कर्मचारियों की तरह ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश और उसका लाभ मृत एवं सेवानिवृत्त उपयंत्रियों तक पहुँचाना, संविदा सेवा का नवीनीकरण 1 वर्ष की जगह 5 वर्ष की सीआर के आधार पर करना, उपयंत्रियों से केवल तकनीकी कार्य लेना और लक्ष्य आधारित दबाव खत्म करना तथा प्रत्येक माह की पहली तारीख को समय पर वेतन देना शामिल हैं। संघ ने यह भी साफ चेतावनी दी है कि यदि आंदोलन की अवधि में शासन-प्रशासन ने दमनात्मक कार्यवाही की और उससे किसी उपयंत्री या परिवार को क्षति पहुँची तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। मनरेगा अभियंता संघ के प्रांतीय अध्यक्ष के अनुसार, पूरे प्रदेश में 1335 उपयंत्री हड़ताल पर हैं और यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी विकराल रूप ले सकता है।