दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच गए हैं। उन्होंने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी हैं। हवन-पूजन शुरू हो गया है। चेन्नई से आए धर्मपुरम अधीनम मठ से 21 अधीनम संसद भवन में मौजूद हैं। शनिवार को इन साधु-संतो ने पीएम मोदी को सेंगोल भेंट किया था। सेंगोल संसद में स्पीकर की चेयर के पास स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पार्लियामेंट बिल्डिंग के वीडियो के लिए वॉयस ओवर देने की अपील की थी। इसके बाद शाहरुख खान, अक्षय कुमार और अनुपम खेर जैसे सेलेब्रिटीज ने इस वीडियो में अपनी आवाज दी। बता दें कि संसद के इनॉग्रेशन का विपक्ष के 20 दलों के बायकॉट किया है। नई संसद के उद्घाटन का कार्यक्रम- कार्यक्रम सुबह साढ़े 7 बजे से पूजा और हवन के साथ शुरू हुआ। यह 7 घंटे चलेगा। साढ़े 8 से 9 बजे के बीच लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के पास सेंगोल की स्थापना की जाएगी। साढ़े 9 बजे पार्लियामेंट लॉबी में प्रार्थना सभाएं होंगी। 12 बजे नई पार्लियामेंट बिल्डिंग से जुड़ी दो शॉर्ट फिल्में दिखाई जाएंगी। इसके बाद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का संदेश पढ़ा जाएगा। दोपहर 1 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 रुपए का स्पेशल सिक्का और स्टाम्प जारी करेंगे। 10 मिनट बाद प्रधानमंत्री स्पीच देंगे और ढाई बजे कार्यक्रम का समापन होगा। ₹75 का सिक्का जारी होगा, इसकी खासियत सिक्के के दोनों तरफ अशोक स्तंभ, जिस पर भारत और इंडिया लिखा है। इसके नीचे रुपए के चिह्न के साथ 75 लिखा है। सिक्के के दूसरी तरफ संसद की तस्वीर होगी और उसके नीचे 2023 लिखा है। इस सिक्के को कोलकाता की टकसाल में ढाला गया है। सिक्के का डायमीटर 44 मिमी है। इसका वजन 34.65-35.35 ग्राम है। इस सिक्के में 50% सिल्वर, 40% कॉपर, 5% निकल और 5% जिंक है। सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ होगा, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। बाईं ओर देवनागरी में भारत और दाईं ओर अंग्रेजी में इंडिया लिखा होगा। नए सिक्के में रुपए का साइन होगा और लायन कैपिटल के नीचे 75 रुपए लिखा होगा। सिक्के की दूसरी साइड पर संसद परिसर की तस्वीर होगी। तस्वीर के ऊपर देवनागरी में संसद संकुल और नीचे अंग्रेजी में पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स लिखा है। नई संसद की खासियत अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे। लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे। संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है। कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं। कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है। नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है। भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया। संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर का प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है। पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए। 75 साल बाद राजदंड का संसद में प्रवेश होगा मोदी 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पवित्र सेंगोल (राजदंड) स्थापित करेंगे। अंग्रेजों की तरफ से 14 अगस्त 1947 की रात इसे पं. नेहरू को सत्ता हस्तांतरण के रूप में सौंपा गया था। 1960 से पहले यह आनंद भवन और फिर 1978 से इलाहाबाद म्यूजियम में रखा था। अब 75 साल बाद राजदंड का संसद में प्रवेश होगा। 20 विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया, 25 दल शामिल होंगे कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं, भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। समर्थन में: भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), शिरोमणी अकाली दल, जनता दल (सेक्युलर), बसपा, NPP, NPF, NDPP, SKM, JJP, RLJP, RP (अठावले), अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस, AIADMK, BJD, तेलुगू देशम पार्टी, YSR कांग्रेस, IMKMK और AJSU, MNF। विरोध में: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, DMK, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट), समाजवादी पार्टी, राजद, CPI, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, रालोद, राकांपा, JDU, CPI (M), IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP, AIMIM और MDMK। जनवरी 2021 में निर्माण शुरू हुआ तिकोने आकार के नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। तब उन्होंने कहा था कि संसद की नई बिल्डिंग से अधिक सुंदर कुछ नहीं हो सकता, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा। पुरानी इमारत का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हो चुका इसलिए नई बिल्डिंग मौजूदा संसद भवन को 96 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई गई है।