भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): लोकायुक्त द्वारा किए गए बड़े भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में फंसे सौरभ शर्मा ने जिला कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। सौरभ शर्मा, जिन पर अवैध संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप हैं, ने लंबी अटकलों और फरारी के बाद आत्मसमर्पण किया। 17 दिसंबर का छापा: लोकायुक्त की टीम ने 17 दिसंबर को सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापा भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के तहत किया गया था। छापे के दौरान अधिकारियों को अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ, जिसमें सोना, चांदी और करोड़ों रुपये नकद बरामद किए गए थे। अवैध संपत्ति का मामला: लोकायुक्त की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सौरभ शर्मा के पास उनकी आय से कहीं अधिक संपत्ति थी। छापे में मिली संपत्ति में कई आलीशान संपत्तियां, महंगे आभूषण, और भारी मात्रा में कैश शामिल था। इन संपत्तियों के दस्तावेजों की जांच में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। छापेमारी के बाद सौरभ शर्मा पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा था। उनके खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था, और फरारी के चलते पुलिस लगातार उनकी तलाश में थी। बढ़ते दबाव और कानून के शिकंजे से बचने का कोई रास्ता न देखकर आखिरकार उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सौरभ शर्मा को अब न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा, और उनके खिलाफ लोकायुक्त की जांच जारी रहेगी। इस प्रकरण ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है, और अब सभी की निगाहें न्यायालय में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।