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भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की मीटिंग आज,9 राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणनीति भी बनेगी

दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 16 और 17 जनवरी को दिल्ली में हो रही है। मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी महासचिव, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सभी प्रदेशाध्यक्ष और बाकी पदाधिकारी शामिल होंगे। दो दिन की इस मीटिंग के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो होगा।

भाजपा की यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि बैठक शुरू होने के महज हफ्तेभर बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में करीब सालभर का ही वक्त बचा है, इसलिए ज्यादा संभावना इस बात की है कि नड्डा को 2024 तक का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। वहीं, भाजपा संविधान के नियमों के मुताबिक नड्डा को एक्सटेंशन मिलने के आसार हैं।

पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने की एक अहम वजह इसी साल के आखिर में होने वाले 9 विधानसभाओं के चुनाव भी हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी मई-जून के बीच चुनाव कराए जाने के आसार हैं। अगर जेपी नड्डा के नाम पर किसी वजह से सहमति नहीं बनती है, तो भूपेंद्र यादव का नाम रेस में सबसे आगे है। वहीं, गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है।

तकनीकी तौर पर देखें, तो 2022 में भाजपा संगठन के चुनाव नहीं हो सके हैं, इसलिए जेपी नड्डा को ही लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा जा सकता है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता हैं।

अगर नड्डा को फिर से अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलती है, तो वे लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और अमित शाह के बाद तीसरे नेता हो सकते हैं। हालांकि, राजनाथ सिंह भी दो बार पार्टी अध्यक्ष बने थे, लेकिन उनका कार्यकाल लगातार नहीं था। नीचे ग्राफिक में भाजपा के गठन से लेकर अब तक बने अध्यक्षों का ब्यौरा दिया गया है…

​​​​​​2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्य शामिल हैं। वहीं पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम में भी इसी साल चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी इसी साल चुनाव के पूरे आसार हैं। मीटिंग में इन राज्यों के संगठन में कसावट लाने के मकसद से जरूरी फेरबदल को मंजूरी दी जा सकती है। साथ ही नए चेहरों को मौका मिल सकता है।

10 विधानसभाओं के चुनावों पर चर्चा, जहां 93 लोकसभा सीटें
जम्मू-कश्मीर को शामिल करने के बाद कुल 10 विधानसभाओं के चुनाव 2023 में होने के आसार हैं। इन राज्यों में लोकसभा की 17% सीटें आती हैं। साथ ही उत्तर से दक्षिण तक फैले इन राज्यों के फैसले से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जनता के मिजाज की झलक भी मिल सकती है। नीचे दिए ग्राफिक से इन 10 राज्यों का सियासी गणित समझा जा सकता है...


लोकसभा की 160 सीटों पर भी चर्चा, जहां भाजपा कमजोर
विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले हो रही इस बैठक में पार्टी कमजोर लोकसभा सीटों की समीक्षा करेगी। इनकी संख्या करीब 160 है। इन सीटों पर अलग से पार्टी नेताओं की तैनाती और पिछली मीटिंग से इस बात तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट पर बात होगी।

एजेंडे में राजनीतिक-आर्थिक प्रस्तावों के साथ G-20 सम्मेलन
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में राजनीतिक, आर्थिक प्रस्तावों के साथ G-20 सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों और उनमें पार्टी के सांसद-विधायकों के साथ कार्यकर्ताओं की भागीदारी पर चर्चा होगी। पार्टी के अहम प्रस्तावों पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे नेताओं के भाषण होंगे, जिनमें केंद्र सरकार की योजनाओं को ग्रास रूट तक पहुंचाने का रोड मैप बताया जाएगा।

दो दिन की इस मीटिंग के आखिरी दिन यानी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो प्रस्तावित है। यह रोड शो गुजरात की जीत के लिए पार्टी की तरफ से मोदी को शुक्रिया कहने जैसा होगा। रोड शो के दौरान भाजपा के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे।

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