11 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप पर प्रदेशव्यापी प्रतिबंध, डॉक्टर गिरफ्तार भोपाल। छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में 11 मासूमों की मौत के बाद पूरे मध्यप्रदेश में शनिवार को कोल्ड्रिफ (Coldref) कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जांच में सामने आया कि जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें से आठ को यही सिरप दिया गया था। इसे बनाने वाली तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित **श्रीसन फार्मा कंपनी** की सभी दवाओं की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। हालांकि अब तक उन सभी बच्चों की पहचान नहीं हो सकी है, जिन्हें यह सिरप दिया गया था, जिससे मौतों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका बनी हुई है। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री की सख्त निर्देशों के बाद शनिवार देर रात श्रीसन फार्मा कंपनी और बच्चों को यह दवा लिखने वाले सरकारी डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ छिंदवाड़ा के परासिया थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके कुछ घंटे बाद ही डॉक्टर सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक अजय पांडे ने बताया कि **डॉ. प्रवीण सोनी** ने जिन बच्चों का इलाज किया, उन्हें कोल्ड्रिफ सिरप ही दिया गया था। जांच में मृत बच्चों के घर से डॉक्टर के लिखे पर्चे भी बरामद हुए हैं। इन धाराओं में दर्ज हुआ केस बीएमओ डॉ. अंकित सहलाम की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर और कंपनी के खिलाफ निम्न धाराओं में केस दर्ज किया है: * धारा 276 (एडलट्रेशन ऑफ ड्रग्स) – 1 वर्ष की सजा * धारा 105 (आपराधिक मानव वध, हत्या नहीं)– 10 वर्ष की सजा * ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 27(ए) – 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सिरप में मिला जहरीला केमिकल फोरेंसिक जांच में कोल्ड्रिफ सिरप के बैच (SR-13) में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 48.6% पाई गई है, जो अत्यधिक विषैला रसायन है। चार सैंपल की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। वहीं, नेस्ट्री-डीएस सिरप में जहरीला कंटेंट नहीं मिला, हालांकि मृतकों में से कुछ को यह सिरप भी दिया गया था। तमिलनाडु के औषधि नियंत्रक ने कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी” घोषित कर दिया है। देशभर में बढ़ा अलर्ट मामले के बाद केरल सरकार ने भी एहतियातन कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि यह फैसला अन्य राज्यों से आई चेतावनी रिपोर्ट के बाद लिया गया है। तमिलनाडु में सीज हुई कंपनी कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा का कांचीपुरम स्थित प्लांट सीज कर दिया गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने 2 अक्टूबर को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का पत्र जारी किया था। इसके बाद 3 दिन के भीतर तमिलनाडु सरकार ने उत्पादन बंद कर कंपनी पर ताला जड़ दिया। जांच और जब्ती की कार्रवाई तेज खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक डॉ. दिनेश कुमार मौर्य के अनुसार जहरीले बैच की पहचान SR-13 के रूप में हुई है, जो मई 2025 में निर्मित और अप्रैल 2027 तक वैध था। संबंधित सभी दवा दुकानों से यह सिरप जब्त किया जा रहा है। साथ ही जिन जिलों में इसकी सप्लाई हुई थी, वहां टीमों को सतर्क किया गया है। मेट्रो सर्विलांस यूनिट ने किया था खुलासा नागपुर की मेट्रो सर्विलांस यूनिट ने सबसे पहले बच्चों की मौतों और कफ सिरप के बीच संबंध का पता लगाया था। यूनिट ने यह रिपोर्ट महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को भेजी थी। हालांकि, शुरुआती स्तर पर इस मामले में गंभीरता नहीं बरती गई, जिससे स्थिति और भयावह होती चली गई। प्रमुख बिंदु * जिन बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप दिया गया था, उनकी पूरी पहचान अब तक नहीं हो पाई है। * मध्यप्रदेश में श्रीसन फार्मा की सभी दवाओं की बिक्री प्रतिबंधित की गई है। * जहरीले सिरप के लॉट की खोज और नष्टिकरण की प्रक्रिया जारी है। * अन्य राज्यों को भी बैच की जानकारी भेजी गई है ताकि बची हुई दवाओं को तत्काल बाजार से हटाया जा सके।