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Home मध्य प्रदेश सीएम बोले – अधिकारी जनता से जुड़ें, गांव में रात बिताएं, जनप्रतिनिधियों का करें सम्मान

सीएम बोले – अधिकारी जनता से जुड़ें, गांव में रात बिताएं, जनप्रतिनिधियों का करें सम्मान

सीएम बोले – अधिकारी जनता से जुड़ें, गांव में रात बिताएं, जनप्रतिनिधियों का करें सम्मान

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशभर के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे जनता के बीच सक्रिय रहकर शासन की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी ड्राइविंग सीट पर न आएं बल्कि आसपास रहकर व्यवस्थाओं का संचालन करें, नियमित दौरे करें और किसी गांव में रात्रि विश्राम कर लोगों से संवाद बनाएं।

मुख्यमंत्री मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी छात्रावास, स्कूल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, अस्पताल और निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण करें, ताकि वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके।

मुख्यमंत्री ने अफसरों को ताकीद की कि वे जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें और उनके सुझावों को सुनें। इस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी और करीब 250 से अधिक आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हुए। यह मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल की पहली फिजिकल कॉन्फ्रेंस रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और इसे बनाए रखना सभी लोक सेवकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में कार्य करना होगा, ताकि योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे।

डॉ. यादव ने कहा कि शासन का अंतिम उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है और यही सुशासन का सार है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य शासन को और अधिक पारदर्शी, सरल और विकेंद्रीकृत बनाना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फील्ड में अपने नवाचार और कार्य से पहचान बनाएं, जनता और जनप्रतिनिधियों से आत्मीय संवाद रखें तथा स्थानीय मीडिया में आने वाली खबरों की सच्चाई की पुष्टि कर समय पर जवाब दें।

उन्होंने कहा कि अधिकारी एक विनम्र विद्यार्थी की तरह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, नई चीजें सीखें और अपने अनुभव से नवाचारों का लाभ समाज तक पहुंचाएं। यदि व्यवस्थाओं में सुधार की जरूरत है तो उसे तुरंत अमल में लाया जाए।

मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों के संरक्षण पर भी जोर देते हुए कहा कि सिंहस्थ से पहले राम वनगमन पथ और कृष्ण पाथेय जैसे प्रोजेक्ट पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रोफेशनल, प्रोग्रेसिव और एनर्जेटिक दृष्टिकोण अपनाएं तथा कृषि क्लस्टर ऐसे बनाएं जिससे प्राकृतिक खेती और पशुपालन दोनों को प्रोत्साहन मिले।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया कि सम्मेलन में “विजन @2047” पर भी चर्चा की जा रही है। विजन दस्तावेज जल्द लॉन्च किया जाएगा, जो गरीब, युवा, किसान और नारी सशक्तिकरण पर केंद्रित होगा।

पहले दिन सम्मेलन में कृषि, स्वास्थ्य, पोषण, उद्योग, निवेश, शहरीकरण और सुशासन पर चर्चा हुई। वहीं दूसरे दिन शिक्षा, ग्रामीण विकास, आदिवासी कल्याण और कानून व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

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