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मनरेगा अभियंता संघ ने सौंपा स्मरण पत्र, 8 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई की मांग,उग्र आंदोलन कुछ चेतावनी

मनरेगा अभियंता संघ ने सौंपा स्मरण पत्र, 8 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई की मांग,उग्र आंदोलन कुछ चेतावनी


सीधी।
मनरेगा अभियंता संघ मध्यप्रदेश ने अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यह स्मरण पत्र मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटैल, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, राज्य रोजगार गारंटी परिषद के आयुक्त एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रमुख अभियंता को संबोधित किया गया है।

ज्ञापन में संघ ने कहा है कि प्रदेश के 1335 उपयंत्री (संविदा) विगत 35 दिनों से सामूहिक अवकाश और कलमबंद आंदोलन कर रहे हैं। इसके पहले भी 18 अगस्त और 25 अगस्त को ज्ञापन देकर शासन-प्रशासन को अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक मांगों के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

मंत्री ने दिए थे निर्देश, फिर भी अटकी फाइलें

संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, अपर मुख्य सचिव और आयुक्त से कई बार मिल चुके हैं। मंत्री महोदय ने समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश भी दिए थे। इसके बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा न तो आदेश जारी किए गए और न ही ठोस पहल की गई। उल्टा, तीन माह से उपयंत्रियों को वेतन तक नहीं मिला है, जिससे प्रदेश के अभियंता आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं।

8 सूत्रीय प्रमुख मांगे

1. वेतन विसंगति दूर कर नियमित वेतनमान।
2. वरिष्ठता के आधार पर सहायक यंत्री का प्रभार।
3. मृत उपयंत्री के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति।
4. संविदा कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी का लाभ।
5. संविदा समाप्ति की जगह निलंबन की व्यवस्था।
6. दुर्घटना बीमा की सुविधा।
7. संविदा नीति 22 जुलाई 2023 का मनरेगा में क्रियान्वयन।
8. लंबित वेतन का शीघ्र भुगतान।

आंदोलन के अगले चरण की चेतावनी

संघ ने चेताया है कि यदि आगामी 5 दिनों में आदेश जारी कर मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो प्रदेश के सभी 1335 उपयंत्री आंदोलन को उग्र करने पर विवश होंगे। इसमें सामूहिक त्यागपत्र देना, परिवार सहित विकास भवन भोपाल और जिला पंचायतों के सामने अनशन पर बैठना और न्यायालय व मानवाधिकार आयोग की शरण लेना शामिल होगा।

2023 की संविदा नीति लागू न होना बना विवाद का कारण

अभियंताओं ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2023 में संविदा कर्मचारियों के लिए नई नीति लागू करने की घोषणा की थी। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को जारी नीति अन्य विभागों में लागू कर दी गई है, लेकिन मनरेगा में अब तक लागू नहीं हुई। यदि यह नीति लागू हो जाती तो मृतक उपयंत्री के परिवार को अनुकंपा नियुक्ति, रिटायर कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी और दुर्घटना पीड़ितों को बीमा का लाभ मिल जाता।

जिम्मेदारी तय करने की मांग

संघ ने यह भी कहा है कि यदि आंदोलन के दौरान किसी उपयंत्री या उसके परिवार को मानसिक, आर्थिक या शारीरिक क्षति होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों, कलेक्टर और शासन-प्रशासन की होगी।

मनरेगा अभियंता संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक मांगों का लिखित आदेश जारी नहीं होता, आंदोलन अनवरत जारी रहेगा और आवश्यकता पड़ने पर चरणबद्ध तरीके से इसे उग्र बनाया जाएगा।

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