मध्यप्रदेश के चार जिलों के हिस्से बनेंगे ‘उपनगर’, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी दुर्गा नवमी के अवसर पर विश्व युवा मंच के कन्या पूजन कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा एलान किया। उन्होंने उज्जैन जिले के नागदा शहर को इंदौर मेट्रोपॉलिटन प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाने पर सहमति दे दी है। इसके साथ ही उज्जैन, धार, देवास और शाजापुर जिलों के कुछ हिस्से अब इंदौर महानगर क्षेत्र के उपनगर (Sub Urban) के रूप में विकसित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल और इंदौर को महानगर के रूप में विकसित करने के लक्ष्य के तहत यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिससे क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी। नागदा बनेगा इंदौर मेट्रो क्षेत्र का हिस्सा उज्जैन जिले का औद्योगिक नगर नागदा लंबे समय से जिले का दर्जा पाने की चर्चा में था। अब इसके इंदौर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में शामिल होने से विकास की दिशा तो खुलेगी, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से *नया जिला बनने की संभावना फिलहाल कमजोर* मानी जा रही है। बेहतर कनेक्टिविटी की सौगात सरकार ने नागदा क्षेत्र के लिए सड़क और रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से कई प्रोजेक्ट स्वीकृत किए हैं— * दो नई फोरलेन सड़कें: * देपालपुर–इंगोरिया मार्ग को फोरलेन में बदला जाएगा। यह सड़क इंगोरिया वाया उन्हेल होकर उज्जैन और पीथमपुर तक सीधा संपर्क बनाएगी। * खाचरौद–रतलाम टू-लेन सड़क को फोरलेन में तब्दील किया जाएगा। * रेल बायपास प्रोजेक्ट: रतलाम–नागदा सेक्शन में तीसरी और चौथी रेलवे लाइन को मंजूरी दी गई है। इससे दिल्ली की दिशा से आने वाली ट्रेनें नागदा में रुकने की बजाय सीधे उज्जैन और इंदौर तक जा सकेंगी। प्रदेश में महानगरीय विकास की नई दिशा विशेषज्ञों का कहना है कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन प्रोजेक्ट के तहत यह कदम प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को आर्थिक और औद्योगिक दृष्टि से और सशक्त बनाएगा। इससे निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।