रीवा में पं. भैयालाल शुक्ल व्याख्यान माला संपन्न उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा – पिताजी के संस्कार और जनमानस का स्नेह सदैव करता है प्रेरित भोपाल/रीवा, 03 अक्टूबर 2025। रीवा के मानस भवन में आयोजित पं. भैयालाल शुक्ल व्याख्यान माला एवं सम्मान समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि पूज्य पिताजी द्वारा दिए गए संस्कार, उनका आशीर्वाद और जनमानस का स्नेह सदैव सेवा कार्य करने के लिए प्रेरित करता है और ऊर्जा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि पिताजी निष्काम कर्मयोगी की तरह अंतिम समय तक कार्यरत रहे। उन्हीं की प्रेरणा और नाम के प्रभाव से मैं राजनीति में आया। स्व. सुंदरलाल पटवा ने श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे से मेरा परिचय कराते हुए कहा था कि यह पं. भैयालाल शुक्ल के सुपुत्र हैं, और यहीं से मेरा राजनीति जीवन प्रारंभ हुआ। श्री शुक्ल ने कहा कि समाज की नजर हमेशा हमारे कार्यों पर रहती है। पिताजी ने निष्काम कर्मयोग के माध्यम से प्रतिष्ठा अर्जित की। उनकी सीख रही कि संगठन बनाकर ईमानदारी से कार्य करें। उन्होंने आयोजन के लिए मानस मंडल को साधुवाद देते हुए आश्वस्त किया कि भविष्य में मानस भवन को और भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। निष्काम कर्मयोगी थे पं. भैयालाल शुक्ल : जगदगुरु रामललाचार्य जगदगुरु श्री रामललाचार्य जी ने कहा कि निष्काम कर्म में किसी भी प्रकार की आकांक्षा नहीं होती। पं. भैयालाल शुक्ल वास्तविक अर्थों में निष्काम कर्मयोगी थे। उनकी सौम्यता और कार्य के प्रति ललक ने ही रीवा व विन्ध्य को विकास की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उप मुख्यमंत्री भी उन्हीं के आदर्शों पर चलते हुए अनथक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना कर ज्ञान परंपरा को अक्षुण्य रखने का कार्य किया। जगदगुरु ने अपेक्षा व्यक्त की कि ऐसे आयोजन मानस भवन में निरंतर होते रहें जिससे नई पीढ़ी प्रेरणा ले सके। समाजसेवा और निष्काम भाव का दिया उदाहरण : सांसद जनार्दन मिश्र सांसद श्री जनार्दन मिश्र ने कहा कि पं. भैयालाल शुक्ल ने निष्काम भाव से समाज की सेवा की। बिना किसी आकांक्षा के लोगों की मदद कर उन्होंने ईमानदारी और विश्वसनीयता की पहचान बनाई। उनमें समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए विनम्रता और करूणा के भाव थे। विद्वानों और गणमान्यजनों ने किया स्मरण कार्यक्रम में विदुषी श्रीमती ज्ञानवती अवस्थी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री घनश्याम सिंह, वरिष्ठ पत्रकार एवं माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रो. जयराम शुक्ल और पूर्व न्यायाधीश श्री अरुण सिंह ने पं. भैयालाल शुक्ल के उदार भाव और योगदान का स्मरण किया। मानस भवन के विस्तार की योजना आयोजक एवं मानस मंडल अध्यक्ष सुभाष पाण्डेय ने कहा कि दशहरा पर्व पर आयोजित यह व्याख्यान माला, पं. भैयालाल शुक्ल के मानस भवन की स्थापना में किए गए योगदान का पुण्य स्मरण है। मानस भवन को आध्यात्मिक अनुसंधान केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास जारी हैं। साथ ही भवन के विस्तार की योजना पर भी कार्य हो रहा है। विभूतियों का सम्मान कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों का शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।